बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ एकदिवसीय धरना

धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले, लूट, हत्या और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं चिंताजनक हैं. उनके धार्मिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. वक्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संस्थाओं की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए भारत के राजनीतिक दलों की चुप्पी को भी कटघरे में खड़ा किया.

 









                                           


- भारतीय समाज के बैनर तले आयोजित हुआ कार्यक्रम
- शामिल हुए विभिन्न संगठनों के लोग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला मुख्यालय के अंबेडकर चौक पर बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों, जैन और बौद्धों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ राष्ट्रीय भारतीय समाज के बैनर तले एकदिवसीय धरना आयोजित किया गया. इस धरने की अध्यक्षता इस्कॉन के पूर्व प्राचार्य सिद्धनाथ मिश्र ने की और संचालन चंदन प्रकाश ने किया. धरने के दौरान एक पांच सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को सौंपा गया. इसमें बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को रोकने और इस्कॉन के स्वामी चिन्मय प्रकाश की रिहाई की मांग प्रमुख रही.


धरने में बड़ी संख्या में बक्सरवासी शामिल हुए और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया. वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं सहित अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले, लूट, हत्या और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं चिंताजनक हैं. उनके धार्मिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. वक्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संस्थाओं की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए भारत के राजनीतिक दलों की चुप्पी को भी कटघरे में खड़ा किया.

धरना में वक्ताओं ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विश्व समुदाय से प्रभावी कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि भारत में घुसपैठियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले नेताओं का बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों पर मौन रहना उनके दोहरे चरित्र को उजागर करता है.

धरने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा..इस अवसर पर मनोहर प्रभु, रामकुमार सिंह, सिद्धनाथ मिश्र, राजेंद्र प्रसाद, राजेश अमित पांडेय, सौरभ तिवारी सिन्हा, प्रदीप दूबे, हिमांशु चतुर्वेदी, चंदन प्रकाश, मनोज पांडे, अविनाश पांडेय, अरविंद सिंह, शीला त्रिवेदी, पूनम रविदास, मुकुंद सनातन, प्रतिभा सिंह, गौरव कुमार, कन्हैया पाठक, विमलेश सिंह, अजय वर्मा, जयशंकर पांडे, राणा प्रताप सिंह, जीउत मुनि उपाध्याय, शिवा नारायण, बीरेंद्र कुमार सिंह, अरविंद पासवान, लखन मल्होत्रा, राजवंश सिंह, तेज नारायण ओझा, रूपेश दूबे, अभिनंदन, दुर्गेश विद्रोही, राजकुमार, प्रिंस बजरंगी, निशांत और आलोक देश पांडे समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे.











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