प्रोफेसर गौरांग रंजन सिन्हा का निधन, नगर में शोक की लहर

प्रो. सिन्हा बक्सर के सोहनीपट्टी के निवासी थे और अपनी विद्वता और सादगी के लिए जाने जाते थे. उनका निधन दिल्ली स्थित उनके आवास पर हुआ, जहां अंतिम संस्कार भी किया गया. उनके बेटे विनीत रंजन सहाय उर्फ बबलू ने मुखाग्नि दी.








                                           


- तबीयत खराब होने के बाद दिल्ली के अस्पताल में चल रहा था इलाज
- लोगों ने बताया परिवार व समाज के लिए अपूरणीय क्षति

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के एमवी कॉलेज के प्रख्यात अंग्रेजी विद्वान और प्रखर वक्ता रहे प्रोफेसर गौरांग रंजन सिन्हा का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी और उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था. बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से शहर में शोक की लहर दौड़ गई.

प्रो. सिन्हा बक्सर के सोहनीपट्टी के निवासी थे और अपनी विद्वता और सादगी के लिए जाने जाते थे. उनका निधन दिल्ली स्थित उनके आवास पर हुआ, जहां अंतिम संस्कार भी किया गया. उनके बेटे विनीत रंजन सहाय उर्फ बबलू ने मुखाग्नि दी.

श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे लोग :

सोहनीपट्टी स्थित उनके आवास पर सुबह से ही लोग शोक व्यक्त करने पहुंचने लगे. इस अवसर पर प्रमुख रूप से अरविंद कुमार सिन्हा, अरविंद कुमार लाल, रमेश यादव, सुशील श्रीवास्तव, सुनील वर्मा, प्रमोद लाल, राम आशीष पांडे, दीपक कुमार, विजय शंकर उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

रोहित उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रो. सिन्हा न केवल एक विद्वान थे, बल्कि उनका स्वभाव भी बेहद सरल और प्रेरणादायक था. उनकी विद्वता और व्यक्तित्व का प्रभाव बक्सर और आसपास के क्षेत्र में गहराई तक महसूस किया जाता था.

नगर में शोक की लहर :

प्रो. सिन्हा के निधन पर शहर के प्रबुद्ध जनों ने गहरी संवेदना व्यक्त की. लोग उनकी यादों को साझा करते हुए उनके योगदान को याद कर रहे हैं. उनका निधन न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी अपूरणीय क्षति है.









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