अवैध वसूली तथा प्रताड़ना को लेकर शुरु हुआ ऑटो चालकों का धरना समाप्त

उसका रेलवे से कोई संबंध नहीं था. जब चालक इसका विरोध करते थे, तो उनके साथ मारपीट की जाती थी और ऑटो तोड़ने की धमकी दी जाती थी. इस दबाव और भय के कारण कई चालक अपनी रोजी-रोटी छोड़कर अन्यत्र जाने को मजबूर हो गए थे.
बैठक करते ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष और ठेकेदार प्रतिनिधि








                                           



- रेलवे ने दिया आश्वासन हटाया जाएगा ऑटो स्टैंड नहीं होगी अवैध वसूली
- ठेकेदार के द्वारा ऑटो व ई-रिक्शा चालकों से की जा रही थी वसूली

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार द्वारा ऑटो और ई-रिक्शा चालकों से अवैध वसूली और प्रताड़ना के आरोपों को लेकर शुरू हुआ धरना अब समाप्त हो गया है. शिक्षित बेरोजगार ऑटो रिक्शा चालक संघ के बैनर तले यह धरना अनिश्चितकालीन रूप से जारी था. रेलवे के प्रतिनिधियों ने ऑटो चालकों के साथ वार्ता की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनका स्टैंड वहां से हटाया नहीं जाएगा. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि किसी भी प्रकार की अवैध वसूली होती है, तो इसकी सूचना तुरंत दी जाए, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

संघ का आरोप था कि रेलवे के कथित ठेकेदार द्वारा नगर परिषद क्षेत्र में ऑटो चालकों से प्रति फेरा 200 रुपये अवैध रूप से वसूले जा रहे थे. चालकों को इस वसूली का कोई रसीद भी नहीं दिया जा रहा था, जबकि नियमानुसार किसी भी कर का भुगतान दिनभर में केवल एक बार किया जाना चाहिए.

धरने में शामिल चालकों ने बताया था कि ठेकेदार द्वारा वसूली के नाम पर आरपीएफ का सहारा लिया जा रहा था. उनका दावा था कि जिस स्थल पर वसूली हो रही थी, उसका रेलवे से कोई संबंध नहीं था. जब चालक इसका विरोध करते थे, तो उनके साथ मारपीट की जाती थी और ऑटो तोड़ने की धमकी दी जाती थी. इस दबाव और भय के कारण कई चालक अपनी रोजी-रोटी छोड़कर अन्यत्र जाने को मजबूर हो गए थे.

इस मामले को और गंभीर बनाते हुए टू व्हीलर पार्किंग ठेकेदार द्वारा ऑटो चालकों को उनके स्टैंड से हटाकर दूसरी जगह विस्थापित करने की धमकी दी जा रही थी. ठेकेदार का कहना था कि ऑटो स्टैंड की जमीन पार्किंग स्टैंड की है, लेकिन इसके समर्थन में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया था. इन घटनाओं से परेशान होकर संघ ने धरने की शुरुआत की थी.

संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार मिश्रा ने बताया था कि यह घटनाएं ऑटो चालकों के अधिकारों का हनन हैं. उन्होंने चेतावनी दी थी कि जब तक अवैध वसूली पर रोक नहीं लगाई जाती और चालकों को प्रताड़ना से बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक धरना जारी रहेगा.

अब, रेलवे प्रतिनिधियों के सकारात्मक हस्तक्षेप के बाद चालकों ने राहत की सांस ली है. संघ ने प्रशासन से यह भी अपील की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित निगरानी की जाए. इस वार्ता के बाद चालकों और संघ के नेताओं ने अपना धरना समाप्त कर दिया.

कहते हैं अधिकारी :
आरपीएफ के द्वारा किसी भी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की जाती है. अगर कोई व्यक्ति आरपीएफ का नाम लेकर पैसे वसूलता है तो उसे पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. ऑटो चालकों से भी कहा गया है इस तरह की किसी भी सूचना से तुरंत अवगत कराया जाए ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके.
दीपक कुमार
प्रभारी निरीक्षक,
आरपीएफ










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