कथा में बताया गया कि रुक्मिणी जी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपने हृदय का स्वामी माना और उनके प्रति भक्ति का संदेश दिया. भगवान ने भी रुक्मिणी को राक्षसों और अन्य विरोधियों से बचाकर विवाह किया. यह प्रसंग इतना रोचक और भावपूर्ण था कि महिलाएं भक्ति में झूमने लगीं और भगवान की लीलाओं पर नृत्य करती रहीं.
- श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और रुक्मिणी विवाह का हुआ वर्णन.
- जय माँ काली औद्योगिक क्षेत्र वाली के 22वें स्थापना दिवस पर भागवत कथा का आयोजन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जय माँ काली औद्योगिक क्षेत्र वाली के 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और रुक्मिणी विवाह का मनोरम वर्णन किया गया. कथा की शुरुआत व्यासगद्दी की पूजा के साथ हुई, जिसे पुरुषोत्तम पाण्डेय, दीपक पाण्डेय, आशीष सिंह, संजय यादव, प्रफुल्ल दुबे, नंदजी ओझा और नंदन कुमार पाठक ने संयुक्त रूप से किया.
रुक्मिणी विवाह की कथा :
हिमांशु जी महाराज के श्रीमुख से जब भगवान श्रीकृष्ण द्वारा रुक्मिणी जी के हरण और विवाह की कथा सुनाई गई, तो उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए. कथा में बताया गया कि रुक्मिणी जी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपने हृदय का स्वामी माना और उनके प्रति भक्ति का संदेश दिया. भगवान ने भी रुक्मिणी को राक्षसों और अन्य विरोधियों से बचाकर विवाह किया. यह प्रसंग इतना रोचक और भावपूर्ण था कि महिलाएं भक्ति में झूमने लगीं और भगवान की लीलाओं पर नृत्य करती रहीं.
बाल लीलाओं का वर्णन :
कथा में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भी वर्णन किया गया, जिसमें उनकी शरारतें, गोपियों संग रास, और राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंगों को विस्तार से बताया गया. गोपियों संग रास लीला के प्रसंग पर भक्ति गीतों और सोहर की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया.
14 को होगा कथा का समापन :
कथा का समापन 14 जनवरी को भागवत यज्ञ की पूर्णाहुति, हवन, और भंडारे के साथ होगा. आयोजन समिति ने बताया कि 13 तारीख को हिमांशु जी महाराज के श्रीमुख से अंतिम दिन की कथा का वर्णन होगा, जिसमें भगवान की लीलाओं का सारांश प्रस्तुत किया जाएगा.
आरती और प्रमुख उपस्थित लोग :
छठे दिन की कथा में आरती का आयोजन विशेष भक्ति भाव से किया गया. भाजपा नेता प्रदीप दुबे ने आरती संपन्न की. इस दौरान मुन्नू राय, चंदन पाण्डेय, संजीव श्रीवास्तव, दिनेश ठाकुर, सनिष राय, गुडलक सिंह, धीरज सिंह, धनजी सिंह, बम पाण्डेय, इंद्रजीत पाण्डेय, सुशील राय, काली चौबे समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
भक्ति में डूबा माहौल :
हिमांशु जी महाराज के कथा वाचन और भजन-कीर्तन ने श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डूबा दिया. महिलाओं और पुरुषों ने कथा के दौरान भगवान की लीलाओं पर झूमकर अपनी भक्ति प्रकट की.
भंडारे की तैयारी :
14 जनवरी को आयोजित हवन और भंडारे के लिए आयोजन समिति द्वारा विशेष तैयारियां की जा रही हैं. श्रद्धालुओं से इस पवित्र आयोजन में शामिल होकर पुण्य अर्जित करने की अपील की गई है.
0 Comments