सुदामा चरित्र और शिव विवाह का वर्णन करते हुए भक्तों को भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति का संदेश दिया. सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता, उनके त्याग और भगवान की कृपा से संबंधित कथा ने सभी को भावविभोर कर दिया. इसके साथ ही शिव विवाह की कथा ने भक्तों को आध्यात्मिकता के रस में सराबोर कर दिया.
- 22वीं वर्षगांठ पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का हुआ भव्य समापन.
- कथा के बाद महाप्रसाद वितरण और आरती का आयोजन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जय माँ काली औद्योगिक क्षेत्र वाली के 22वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक सप्ताह तक चलने वाली श्रीमद्भागवत कथा का समापन मंगलवार को सुदामा चरित्र और शिव विवाह की भावविभोर कर देने वाली कथा के साथ हुआ. कथा का अंतिम दिन भक्ति और उल्लास से परिपूर्ण रहा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
व्यासगद्दी पूजा और आरती का आयोजन:
कथा के अंतिम दिन की शुरुआत व्यासगद्दी की पूजा से हुई, जिसे सुरेश इंडस्ट्रीज के प्रोपराइटर लक्की सिंह ने संपन्न किया. कथा समापन के उपरांत आरती का आयोजन किया गया, जिसे भाजपा के बिहार प्रदेश मंत्री संतोष रंजन राय ने कथावाचक हिमांशु जी महाराज का स्वागत कर संपन्न किया.
सुदामा चरित्र और शिव विवाह की कथा:
हिमांशु जी महाराज ने सुदामा चरित्र और शिव विवाह का वर्णन करते हुए भक्तों को भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति का संदेश दिया. सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता, उनके त्याग और भगवान की कृपा से संबंधित कथा ने सभी को भावविभोर कर दिया. इसके साथ ही शिव विवाह की कथा ने भक्तों को आध्यात्मिकता के रस में सराबोर कर दिया.
कथा वाचक हुए भावुक:
कथा के समापन पर हिमांशु जी महाराज भावुक हो गए. उन्होंने बक्सर औद्योगिक क्षेत्र की जनता, माँ-बहनों, भाइयों और आयोजकों द्वारा मिले अपार स्नेह और सम्मान के लिए कृतज्ञता प्रकट की. उन्होंने विशेष रूप से आयोजक सोनू बाबा और आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया.
आयोजन समिति की सक्रिय भागीदारी:
कथा आयोजन में राजकमल सिंह, सुशील राय, इंद्रजीत पाण्डेय, मुन्नू राय, चंदन सिंह, बिट्टू सिंह, राजू सिंह, धनजी सिंह, राकेश चौबे, ऋषिकेश पाण्डेय, बम जी पाण्डेय, संजय यादव, रामशीष यादव, प्रफुल्ल दुबे, चंदन पाण्डेय, काली चौबे, सूरज श्रीवास्तव, श्रीभगवान पाण्डेय, जीत बहादुर दुबे, संतोष सिंह, मनोज राय और धीरज सिंह ने सक्रिय भागीदारी निभाई. सभी ने कथावाचक हिमांशु जी महाराज को सम्मानपूर्वक विदाई दी और अपनी कृतज्ञता व्यक्त की.
महाप्रसाद और धन्यवाद ज्ञापन:
कथा के समापन के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे से हवन और महाप्रसाद का आयोजन किया जाएगा. हिमांशु जी महाराज ने आयोजन समिति, मीडिया कर्मियों, प्रशासन और दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए भक्तों को भक्ति मार्ग पर चलने का संदेश दिया.
इस एक सप्ताह की कथा ने पूरे क्षेत्र को भक्ति के रस में डुबो दिया और श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया.
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