स्कूल में अलाव जला कर बैठे शिक्षक, बच्चों को उनके हाल पर छोड़ा

शिक्षक कक्षाओं के बाहर बैठकर आग ताप रहे थे और बच्चे इधर-उधर घूम रहे थे. स्थानीय ग्रामीणों ने जब सवाल किया तो उन्हें वहां से फटकार लगाकर भगा दिया गया. हालांकि उन्होंने इसका एक वीडियो बनाकर पत्रकारों को दिया तथा न्याय की गुहार लगाई है. 










                                           


- मामला करहंसी उच्च विद्यालय का
- ग्रामीणों ने लगाई न्याय की गुहार   

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने के आदेशानुसार जिले में ठंड के मौसम में बच्चों के स्कूल जाने और आने का समय बदल गया है. सुबह 9:30 बजे से शैक्षणिक गतिविधियां शुरू हो जा रही है लेकिन ठंड के मौसम में शिक्षकों का पढ़ाने में मन नहीं लग रहा है और वह स्कूल तो जा रहे हैं लेकिन बच्चों को उन्हीं के हाल पर छोड़कर स्वयं ठंड से निजात पाने के उपाय करते नजर आ रहे हैं. ऐसा ही एक नज़ारा शनिवार को करहंसी उच्च विद्यालय में देखने को मिला जहां शिक्षक कक्षाओं के बाहर बैठकर आग ताप रहे थे और बच्चे इधर-उधर घूम रहे थे. स्थानीय ग्रामीणों ने जब सवाल किया तो उन्हें वहां से फटकार लगाकर भगा दिया गया. हालांकि उन्होंने इसका एक वीडियो बनाकर पत्रकारों को दिया तथा न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि अगर ठंड में स्कूल खोले गए हैं तो पढ़ाई तो होनी ही चाहिए.
शिक्षकों का इंतजार करते बच्चे


ग्रामीणों के मुताबिक दिन में तकरीबन 11:30 बजे स्कूल के परिसर में कुछ शिक्षक-शिक्षिकाएं अलाव जलाकर आग तापते दिखाई दिए. वहीं कुछ बच्चे परिसर तथा उसके बाहर घूमते हुए दिखाई दिए. इस पर जब शिक्षकों से सवाल किया गया तो उन्होंने ग्रामीणों को फटकार लगाई और कहा कि उन्हें जो करना है वह कर सकते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक बहुत उग्र होकर बात कर रहे थे ऐसे में उन्होंने वहां से निकल जाने में ही अपनी भलाई समझी.  

मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद इस संदर्भ में जानकारी लेने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय के सरकारी नंबर पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने मीटिंग में होने की बात कह कर फिलहाल इस विषय पर कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि यह उम्मीद जताई जा रही है कि लगातार शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयासरत अधिकारी इस विषय पर संज्ञान लेकर सुधार की पहल अवश्य करेंगे.











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