आपत्तिजनक गाने बजाने पर कड़ी कार्रवाई होगी, जिसका अनुश्रवण अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर और डुमरांव करेंगे. साथ ही, ग्रामीण इलाकों में कृत्रिम तालाब बनाकर साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है.
वसंत पंचमी को लेकर डीएम व एसपी की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक
डीजे पूरी तरह प्रतिबंधित, संवेदनशील इलाकों पर विशेष नजर
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में वसंत पंचमी पर्व को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें पर्व के दौरान विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई. बैठक में बताया गया कि इस वर्ष जिले में कुल 390 स्थानों पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में 325 लाइसेंसी पूजा पंडाल, 323 लाइसेंसी विसर्जन जुलूस और 103 संवेदनशील स्थल चिह्नित किए गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था के तहत 120 दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे, जबकि 33 गश्ती दल भी मुस्तैद रहेंगे. 108 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, और संवेदनशील इलाकों में निगरानी के लिए अतिरिक्त कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
डीजे और आपत्तिजनक गानों पर पूरी तरह रोक
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस बार वसंत पंचमी के दौरान डीजे पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. आपत्तिजनक गाने बजाने पर कड़ी कार्रवाई होगी, जिसका अनुश्रवण अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर और डुमरांव करेंगे. साथ ही, ग्रामीण इलाकों में कृत्रिम तालाब बनाकर साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है.
ड्रोन से होगी निगरानी, दंगा नियंत्रण दल अलर्ट
विसर्जन जुलूस के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन से निगरानी की जाएगी. पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया है कि बक्सर और डुमरांव थाना क्षेत्र में वज्र वाहन और दंगा नियंत्रण दल को तैनात किया जाए. अग्निशमन विभाग को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
चिकित्सा और आपातकालीन सेवाएं रहेंगी तैनात
मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जीवन रक्षक दवाओं के साथ डॉक्टरों की टीम और 24×7 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध रहे. सोशल मीडिया पर किसी भी अफवाह को रोकने के लिए साइबर सेनानी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सतर्कता बरती जाएगी.
प्रशासन ने सभी थानाध्यक्षों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि विसर्जन स्थलों पर गोताखोरों की व्यवस्था की जाए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
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