श्रद्धा और भक्ति के साथ की जा रही माता सरस्वती की पूजा

कहा जाता है कि जब माता सरस्वती ने पहली बार वीणा के तार छेड़े थे, तो संसार में आनंद और संगीत की मधुर ध्वनि गूंज उठी थी. इसीलिए उन्हें 'वीणावादिनी' भी कहा जाता है. उनके एक हाथ में पुस्तक होती है, जो शिक्षा और ज्ञान के प्रति लोगों को प्रेरित करती है.





  • शैक्षणिक संस्थानों और मुहल्लों में गूंज रहे वैदिक मंत्र
  • विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती की भक्तिभाव से हो रही आराधना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में सरस्वती पूजा श्रद्धा और भक्ति के माहौल में धूमधाम से मनाई जा रही है. माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विद्या की देवी माता सरस्वती की आराधना की जा रही है. जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जा रही है. इसके अलावा, कई छात्रों ने अपने घरों और मुहल्लों में भी मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर भक्ति भाव से पूजा की. वैदिक मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय हो गया है.






                                           

शैक्षणिक संस्थानों में विशेष आयोजन

नगर के पांडेय पट्टी स्थित लोयोला स्कूल में भी सरस्वती पूजा का आयोजन पूरे वैदिक रीति-रिवाज के साथ किया गया. विद्यालय की प्राचार्या समीक्षा तिवारी ने बताया कि माघ शुक्ल पंचमी को वागीश्वरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिसे वाणी पूजा और वसंतोत्सव के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने कहा कि इस दिन व्रत रखकर माता सरस्वती की पूजा करने से वाणी में विनम्रता आती है, स्मरण शक्ति तीव्र होती है और विद्या में कुशलता प्राप्त होती है.

विद्या, संगीत और कला की देवी

माता सरस्वती को ज्ञान, विद्या, कला और संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता है. उनके हाथों में वीणा और पुस्तक होती है, जो ज्ञान और संगीत के महत्व को दर्शाती हैं. कहा जाता है कि जब माता सरस्वती ने पहली बार वीणा के तार छेड़े थे, तो संसार में आनंद और संगीत की मधुर ध्वनि गूंज उठी थी. इसीलिए उन्हें 'वीणावादिनी' भी कहा जाता है. उनके एक हाथ में पुस्तक होती है, जो शिक्षा और ज्ञान के प्रति लोगों को प्रेरित करती है.

भक्तिमय माहौल में जुटे श्रद्धालु

बक्सर जिले के कई स्थानों पर सरस्वती पूजा को लेकर भक्तों में उत्साह देखने को मिल रहा है. पूजा-पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है, जहां विद्यार्थियों और श्रद्धालुओं द्वारा माता की आराधना की जा रही है. पूजा के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बच्चे भजन-कीर्तन और अन्य प्रस्तुतियां दे रहे हैं.

सरस्वती पूजा को लेकर जिले भर में भक्ति और उल्लास का वातावरण बना हुआ है.












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