वीडियो : उत्पाद विभाग के जवानों की वसूली का वीडियो वायरल, जांच शुरु

वीडियो वायरल होने के बाद उत्पाद विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए. प्रभारी उत्पाद अधीक्षक आलोक कुमार ने तत्काल वीर कुंवर सिंह सेतु पर स्थित चेक पोस्ट का निरीक्षण किया और जवानों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरु की.

कथित तौर पर वसूली करता जवान










                                           


- वीर कुंवर सिंह सेतु पर हो रही अवैध वसूली का वीडियो सामने आया
- प्रभारी उत्पाद अधीक्षक ने जांच कर की कार्रवाई की अनुशंसा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा को जोड़ने वाले वीर कुंवर सिंह सेतु पर मद्यनिषेध और उत्पाद विभाग के जवानों द्वारा ट्रकों से अवैध वसूली करने का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक ट्रक चालक को रोककर जवानों को संभवतः पैसों की वसूली करते हुए देखा जा सकता है. वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने दावा किया कि सिपाहियों ने ट्रक चालक से 500 रुपये लिए और यह वसूली लगातार जारी है. हालांकि बक्सर टॉप न्यूज इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.

वीडियो वायरल होने के बाद उत्पाद विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए. प्रभारी उत्पाद अधीक्षक आलोक कुमार ने तत्काल वीर कुंवर सिंह सेतु पर स्थित चेक पोस्ट का निरीक्षण किया और जवानों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरु की. जांच में दो जवानों की संलिप्तता सामने आई, जिनमें मनोरंजन पासवान और धर्मेंद्र कुमार शामिल हैं. ये दोनों होमगार्ड के जवान हैं और वीर कुंवर सिंह चेक पोस्ट पर तैनात थे.

जांच में खुलासा, जल्द होगी कार्रवाई

प्रभारी उत्पाद अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि जैसे ही यह वीडियो उनके संज्ञान में आया, वह तुरंत चेक पोस्ट पहुंचे और मामले की जांच शुरू की. वीडियो कुछ समय पहले का प्रतीत हो रहा था, जिससे आरोपित जवानों की पहचान में कठिनाई आई, लेकिन जांच के दौरान उनकी संलिप्तता स्पष्ट हो गई. उन्होंने बताया कि मामले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है और विभागीय कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी.

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कोई नया मामला नहीं है. ट्रकों से अवैध वसूली लंबे समय से चल रही है और इसकी वजह से शराब की बड़ी खेप बिना किसी रोक-टोक के बिहार में प्रवेश कर जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी चेक पोस्ट से होकर गुजरने वाली शराब की खेप अक्सर अन्य इलाकों में पकड़ी जाती है.

अब देखना होगा कि विभागीय जांच के बाद दोषी जवानों पर क्या कार्रवाई होती है और क्या यह अवैध वसूली रुकती है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा.












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