सदर अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 15 मरीजों को निःशुल्क मिल रही डायलिसिस सेवा

किडनी रोगियों, उनके परिजनों, अस्पताल कर्मियों और मेडिकल ऑफिसर सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे. इस दौरान किडनी रोग, उसके कारण, लक्षण और बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई. साथ ही, लोगों से बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई भी दवा न लेने की अपील की गई.

 











                                           


वर्ल्ड किडनी डे पर सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

बिना चिकित्सीय सलाह के कोई भी दवा न लेने की अपील

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सदर अस्पताल में वर्ल्ड किडनी डे के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर सदर अस्पताल में डायलिसिस सेवा प्रदान करने वाले अपोलो डायलिसिस संस्थान ने किडनी रोग से बचाव हेतु जागरूकता अभियान चलाया. कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के इंचार्ज ब्रजेश कुमार पांडेय ने की. आयोजन में किडनी रोगियों, उनके परिजनों, अस्पताल कर्मियों और मेडिकल ऑफिसर सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे. इस दौरान किडनी रोग, उसके कारण, लक्षण और बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई. साथ ही, लोगों से बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई भी दवा न लेने की अपील की गई. प्रभावित मरीजों को आहार-विहार और सुरक्षा उपायों के बारे में भी बताया गया.

लोगों में बढ़ती जागरूकता

जिले में किडनी रोग से प्रभावित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है. सरकारी और निजी क्लीनिकों में किडनी मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. जिले में कई ऐसे मरीज हैं, जिन्हें सप्ताहिक या मासिक रूप से डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है. निजी अस्पतालों की तुलना में सिर्फ सदर अस्पताल में संचालित डायलिसिस सेंटर पर प्रतिदिन करीब 10 से 15 मरीज डायलिसिस करवा रहे हैं, जिससे मासिक आंकड़ा 300 से 350 तक पहुंच जाता है. इस समस्या के समाधान और रोकथाम के लिए वर्ल्ड किडनी डे पर सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

बाहर जाने की जरूरत नहीं

कार्यक्रम के दौरान मरीजों और उनके परिजनों के देखभाल व रहन-सहन से संबंधित प्रश्नों का समाधान किया गया. केंद्र प्रभारी सीनियर इंचार्ज ब्रजेश कुमार पांडेय ने बताया कि किडनी की समस्या गंभीर रूप ले रही है, जिसके चलते हर माह 10 से 12 नए मरीज डायलिसिस की सूची में जुड़ रहे हैं. अस्पताल में डायलिसिस के लिए कुल 5 मशीनें उपलब्ध हैं. राशन कार्ड धारकों को निःशुल्क सेवा दी जाती है, जबकि अन्य मरीजों के लिए सरकारी दर 1797 रुपये निर्धारित है. अस्पताल प्रबंधन यह सुनिश्चित कर रहा है कि मरीजों को उचित समय पर डायलिसिस की सेवा मिले, ताकि उन्हें बाहर जाने की जरूरत न पड़े.

किडनी रोग के लक्षण और बचाव

संस्थान के इंचार्ज ने बताया कि अनियमित जीवनशैली, असंतुलित आहार और प्रदूषित जल के सेवन से किडनी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं. विशेष रूप से डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा अधिक रहता है. जंक फूड का अधिक सेवन, कम पानी पीना और दर्द निवारक दवाओं का बिना डॉक्टर की सलाह के सेवन किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
प्रारंभिक लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, शरीर में सूजन, अत्यधिक थकान और भूख न लगना शामिल हैं. ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.

डायलिसिस सेवा जीवनदान साबित हो रही

सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आर.के. गुप्ता ने बताया कि किडनी की समस्याओं से बचने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच, पर्याप्त पानी पीना, संतुलित आहार और व्यायाम आवश्यक है. साथ ही, शराब और धूम्रपान से दूरी बनाए रखनी चाहिए. चिकित्सकों ने आगाह किया कि समय पर देखभाल न करने पर मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ सकती है.
अस्पताल प्रबंधक दुष्यंत सिंह ने बताया कि सही जीवनशैली अपनाकर इस गंभीर समस्या से बचा जा सकता है. डायलिसिस उन मरीजों के लिए जीवनदायी सेवा साबित हो रही है, जिनकी किडनी सामान्य रूप से काम नहीं कर रही. यह प्रक्रिया शरीर से विषैले तत्वों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे मरीज को राहत मिलती है.

कार्यक्रम में उपस्थित मेडिकल टीम ने मरीजों को डायलिसिस प्रक्रिया से जुड़ी सावधानियों और आवश्यक देखभाल के बारे में विस्तार से बताया. मौके पर टेक्नीशियन सतीश तिवारी, सौरव पांडेय, प्रिंस विश्वकर्मा और स्टाफ नर्स प्रियंका सिंह उपस्थित रहीं.











Post a Comment

0 Comments