होलिका दहन आज रात्रि 10:37 बजे के बाद, 15 को मनाया जाएगा रंगोत्सव

बताया कि शास्त्रानुसार 13 मार्च गुरुवार की रात 10:34 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा. इसके बाद 14 मार्च शुक्रवार को दिन में 11:06 बजे तक पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी. इस तरह 15 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शनिवार को होली मनाई जाएगी.

होलिका दहन की तैयारी करती मारवाड़ी महिलाएं












                                           


  • बक्सर में तेज हुई होलिका दहन की तैयारियां
  • विद्वानों ने शास्त्रानुसार तय किया है समय, होली परंपरागत रूप से 15 मार्च को मनाई जाएगी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : इस वर्ष होली के त्योहार की तैयारियां जोरों पर हैं. जिले में होलिका दहन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है. विद्वानों के अनुसार 13 मार्च की रात 10:37 बजे के बाद होलिका दहन किया जाएगा, और अगले दिन यानी 15 मार्च को रंगोत्सव मनाया जाएगा. यह जानकारी सूर्यमंदिर के पुजारी ज्योतिषाचार्य आशुतोष पांडेय और ज्योतिषाचार्य पंडित वागीश्वरी प्रसाद द्विवेदी ने दी है.

उन्होंने बताया कि शास्त्रानुसार 13 मार्च गुरुवार की रात 10:34 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा. इसके बाद 14 मार्च शुक्रवार को दिन में 11:06 बजे तक पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी. इस तरह 15 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शनिवार को होली मनाई जाएगी.

होलिका दहन की विशेष तैयारियां


जिले के विभिन्न हिस्सों में होलिका दहन को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. युवा और बच्चों की टोली लकड़ी और गोइठा का इंतजाम कर रही है. रिवाज के अनुसार होलिका दहन के बाद घरों को पवित्र करने के लिए पानी से धोया जाता है.

विद्वानों के अनुसार होलिका दहन के समय परिवार के सभी सदस्य एक साथ होलिका की परिक्रमा करें तो यह शुभ माना जाता है. कुछ लोग होलिका में नया अनाज भी डालते हैं, जिससे घर में धन की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, होलिका दहन की रात पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाकर परिक्रमा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं.

परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन


होलिका दहन के साथ-साथ परिवार के पुरुष सदस्य, एक सम्मत गोसाई के लिए होलरी बांधकर उसे घर से लेकर आते हैं और उसकी पांच बार परिक्रमा करके होलिका में डाल देते हैं. इसके अलावा गोइठा, अबटन, घी और लकड़ी भी जलाए जाते हैं. सम्मत गोसाई को जलाने से पहले हवन किया जाता है, जिसे शुभ माना जाता है.

होली के दिन श्रद्धा और उल्लास से मनाई जाएगी पूजा


होली के दिन लोग अपने कुलदेवता के अलावा मंदिरों में देवी-देवताओं को गुलाल अर्पित करते हैं और फिर रंग खेलते हैं. इस दिन कपूर और सरसों जलाने से भी विशेष लाभ होता है.

बक्सर जिले में इस वर्ष होली का त्योहार श्रद्धा, उल्लास और परंपराओं के साथ मनाया जाएगा. लोग एक-दूसरे से गले मिलकर रंगों से भरे इस पर्व का आनंद लेंगे.











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