मनरेगा घोटाले का आरोप : उमरपुर में पन्द्रह पोखरों को भरवाया, बनाया खेल मैदान

जिला पदाधिकारी से आग्रह किया है कि संबंधित पोखरों और खेल मैदान निर्माण की गहन जांच की जाए. यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह एक बड़ा घोटाला साबित हो सकता है, जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.










                                           


  • मुखिया और पंचायत सेवक पर गड़बड़ी का आरोप
  • मनरेगा से बने 15 पोखरों को जेसीबी से भरवाने का दावा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के उमरपुर पंचायत में मनरेगा योजना के तहत बने पोखरों को भरवाकर खेल मैदान बनाने का गंभीर मामला सामने आया है. स्थानीय निवासी वीरेंद्र राय ने इस संबंध में जिला पदाधिकारी को शिकायत पत्र सौंपा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत उमरपुर के बड़का गाँव मानसिंह पट्टी (मिश्रवलिया) में वर्ष 2022 से 2024 के बीच मनरेगा योजना से 15 निजी और सरकारी पोखरों का निर्माण कराया गया था. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद संबंधित राशि का भुगतान भी कर दिया गया, लेकिन बाद में सभी पोखरों को पोकलेन और जेसीबी मशीन से भरवा दिया गया. शिकायतकर्ता ने इस संबंध में वीडियो साक्ष्य भी होने का दावा किया है.

पोखरों को मिट्टी से पाटकर मनरेगा राशि का दुरुपयोग

वीरेंद्र राय के अनुसार, वर्तमान मुखिया धनंजय मिश्रा और पंचायत रोजगार सेवक ने मनरेगा योजना के तहत जिन 15 पोखरों का निर्माण कराया था, बाद में उन्हीं पोखरों को जेसीबी से भरवा दिया गया. इससे सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ है.

शिकायतकर्ता ने बताया कि जिन पोखरों को भरा गया, उन्हीं स्थानों पर और कुछ अन्य निजी जमीनों को मौखिक रूप से लेकर खेल मैदान निर्माण का कार्य भी मनरेगा से ही कराया गया. यह कार्य 23 नवंबर 2024 को पूरा किया गया, जिसकी लागत करीब 10 लाख रुपये बताई जा रही है.

बिना रजिस्ट्री कराए खेल मैदान निर्माण का आरोप

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बिना किसी विधिक प्रक्रिया और रजिस्ट्री के मनरेगा की राशि से खेल मैदान निर्माण कार्य किया गया. मनरेगा के नियमों के तहत निजी भूमि पर बिना उचित प्रक्रिया अपनाए सरकारी राशि का उपयोग करना अनियमितता को दर्शाता है. शिकायतकर्ता ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग

इस मामले को लेकर वीरेंद्र राय ने जिला पदाधिकारी से आग्रह किया है कि संबंधित पोखरों और खेल मैदान निर्माण की गहन जांच की जाए. यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह एक बड़ा घोटाला साबित हो सकता है, जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.

इस बाबत उप  विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल ने बताया कि मामला काफी गंभीर है, ऐसे में मामले की सम्यक जांच करा कर उचित कार्रवाई की जाएगी. 

अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस शिकायत पर क्या कदम उठाता है और क्या दोषियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होती है.











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