अपराधियों ने खुद को मुंबई साइबर डीसीपी बताकर उनसे 60 हजार रुपये ठग लिए। शिकायत दर्ज कराने के बावजूद महीनों से वह अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
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ठगी के शिकार हुए व्यक्ति |
- फर्जी एफआइआर दिखाकर 60 हजार की ठगी
- महीनों बाद भी नहीं मिल सका पुलिस का सहयोग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अहिरौली निवासी एक व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हुए, लेकिन ठगी के महीनों बाद भी अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल सका है. अपराधियों ने खुद को मुंबई साइबर डीसीपी बताकर उनसे 60 हजार रुपये ठग लिए। शिकायत दर्ज कराने के बावजूद महीनों से वह अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
पीड़ित राम प्रताप चौबे ने बताया कि 30 अक्टूबर को सुबह 9 बजे 9784720291 नंबर से कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उनके आधार कार्ड से खरीदी गई सिम का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय अपराध में हुआ है और उनके खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज है. फिर व्हाट्सएप पर एक फर्जी एफआइआर भेजी गई, जिसमें डीसीपी साइबर क्राइम के तौर पर डॉ. बाल सिंह राजपूत का नाम दर्ज था.
इसके बाद उन्हें 8501936287 नंबर से वीडियो कॉल कर कथित मुंबई डीसीपी से बात कराई गई और झांसा दिया गया कि अपराधी कश्मीर में है. उसे पकड़ने के लिए पैसे भेजने होंगे। डर और दबाव में आकर श्री चौबे ने 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए.
जब उन्होंने इस घटना की जानकारी अपने बेटे को दी, तब उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं. 1 नवंबर को उन्होंने साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. फिर एसपी कार्यालय में आवेदन दिया गया, जहां से मामला साइबर थाने भेजा गया. वहां भी महीनों तक सिर्फ आश्वासन मिला. थक-हारकर उन्होंने पीएमओ पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से भी मामला साइबर थाने को सौंप दिया गया और कोई मदद नहीं मिली.
अब तक किसी स्तर पर कार्रवाई न होने से परेशान होकर उन्होंने बुधवार को औद्योगिक थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन दिया है. महीनों से न्याय के लिए भटक रहे पीड़ित प्रशासन से ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
इस मामले में एसपी शुभम आर्य ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी तथा आवेदन के आलोक में उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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