कहा कि शहर में जाम की समस्या ट्रैफिक पुलिस की विफलता है. आज जो शहर में जाम के चलते जो समस्या उत्पन्न हुई है उसमें वाहन सवार, स्कूल के बच्चे और मुंडन संस्कार के लिए आने वाले श्रद्धालु तथा वाहन सवारों की फजीहत हुई. उन्होंने ट्रैफिक पुलिस को जाम से लोगों को होने वाली परेशानी से कोई मतलब नहीं रह गया है, वह तो चलाने काटने के नाम पर पैसे की वसूली में जुटी है.
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जाम में फंसा एसपी का वाहन |
- कार्य योजना को अमलीजामा नहीं पहना पाई ट्रैफिक पुलिस ने कहा - "जाम नहीं यह धीमा ट्रैफिक"
- मुख्य पार्षद ने कहा - वसूली में बिजी है पुलिस, लोगों की समस्याओं की परवाह नहीं
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गंगा किनारे मुंडन संस्कार यानि कि "तनाव" के कारण सोमवार को पूरा नगर तनाव में रहा, वजह थी ट्रैफिक जाम. जिला प्रशासन जहां पूर्व से ही गंगा किनारे बसे नगर में होने वाले धार्मिक आयोजनों को लेकर पूर्व में ही कैलेंडर जारी कर चुका है. इस संदर्भ में हुई बैठकों में यह तय किया गया है कि नगर में ट्रैक्टर बस तथा मुंडन संस्कार में शामिल होने वाले लोगों को आने वाले वाहनों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करते हुए उन्हें नगर के बाहर ही खड़ा किया जाएगा, लेकिन ऐसा हो ना सका और सोमवार को नगर में ऐसा भीषण जाम लगा जिससे कि न सिर्फ आम बल्कि खास लोग भी परेशान रहे. सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक नगर जाम से कराहता रहा. एसपी शुभम आर्य अपनी गाड़ी के साथ बाइपास रोड में फंसे रहे. बाद में उनके अंगरक्षकों ने किसी तरह उनकी गाड़ी को जाम से बाहर निकाला जबकि उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल के बाइक से ऑफिस पहुंचे. हालांकि लोग यह चर्चा करते रहे कि जब इतनी व्यवस्थाएं प्रशासन के द्वारा की जा रही है, ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की संख्या में इतना इजाफा हुआ है तब इस तरह की स्थिति क्यों बनी? वहीं ट्रैफिक डीएसपी इसे जाम ना मान कर धीमे ट्रैफिक की संज्ञा देते नजर आएं.
जाम से निजात दिलाने के बजाय पैसे की वसूली में लगी है ट्रैफिक पुलिस : कमरून निशा
नगर परिषद की चेयरपर्सन कमरून निशा ने कहा कि शहर में जाम की समस्या ट्रैफिक पुलिस की विफलता है. आज जो शहर में जाम के चलते जो समस्या उत्पन्न हुई है उसमें वाहन सवार, स्कूल के बच्चे और मुंडन संस्कार के लिए आने वाले श्रद्धालु तथा वाहन सवारों की फजीहत हुई. उन्होंने ट्रैफिक पुलिस को जाम से लोगों को होने वाली परेशानी से कोई मतलब नहीं रह गया है, वह तो चलाने काटने के नाम पर पैसे की वसूली में जुटी है. उन्होंने कहा कि किला मैदान के उत्तर तरफ चहारदिवारी के बाद खाली जमीन का समतलीकरण वाहन पार्किंग के लिए किया गया है. लेकिन, इस जगह को ट्रैफिक पुलिस उपयोग में नहीं ला रही है.
मुंडन संस्कार के लिए बाहर के घाटों पर हो व्यवस्था, नगर में वाहनों की हो नो एंट्री
प्रबुद्ध नागरिक के के ओझा का कहना है कि बक्सर में मुंडन संस्कार बंद कर देना चाहिए और जो करना चाहे, आरा बक्सर रोड से आनेवाले अहिरौली करें और चौसा से आने वाले चौसा या जेल के पास करें, इटाढ़ी से आनेवाले भी जेल घाट पर बाहर से बाहर ही जाये. शहर में इतने ट्रैक्टर और उसके साथ ट्राली के लिए पार्किंग ही नहीं है और रामरेखा घाट पर पहले से ही रोज भीड़ रहती है. श्मशान घाट की भीड़ भी रामरेखा घाट पर खत्म होती हैं. ऐसे में नगर में खासकर बाइपास रोड, स्टेशन रोड, जेल पइन रोड, समाहरणालय रोड पर सुबह 8 बजे से शाम 9 बजे तक ट्रैक्टर ट्रॉली के लिए नो एंट्री करने की जरूरत है.
ट्रैफिक डीएसपी की दलील, जाम में फंसे नहीं एसपी, धीमे ट्रैफिक में रुके
मामले में ट्रैफिक डीएसपी संतोष कुमार से बात करने पर उन्होंने नगर में लगे भीषण जाम को जाम न बताकर इसे नया नाम "धीमा ट्रैफिक" दे दिया. उससे जब यह पूछा गया कि जब पूर्व से यह निर्धारित है कि नगर में मुंडन संस्कार से संबंधित वाहनों का प्रवेश वर्जित है तो वाहन कैसे नगर में नजर आए तो उन्होंने यह कहा कि अहले सुबह तकरीबन 4:00 बजे ही नगर में प्रवेश कर गए थे. उन्हीं के कारण ट्रैफिक धीमा था और जब उन्हें फिर बाहर निकाला गया तो ट्रैफिक सुचारु हुआ.
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