"पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने हमेशा इंसानियत, प्रेम और भाईचारे की शिक्षा दी है. उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा कि एक सच्चा मुसलमान न सिर्फ अपने धर्म की, बल्कि सभी धर्मों की इज्जत करता है. ऐसे में जो लोग धर्म के नाम पर खून बहा रहे हैं, वे मुसलमान हो ही नहीं सकते,”
- धर्म के नाम पर हिंसा को बताया इस्लाम विरोधी
- जन सुराज प्रवक्ता साबित रोहतासवी ने की केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 28 निर्दोष पर्यटकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए जन सुराज के प्रवक्ता और प्रख्यात शायर साबित रोहतासवी ने इस घटना की तीव्र निंदा की है. उन्होंने कहा कि मजहब के आधार पर लोगों की हत्या करना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि इस्लाम के सिद्धांतों के भी विपरीत है.
रोहतासवी ने कहा कि यह हमला पूरी तरह इस्लाम और मुस्लिम समाज की शिक्षाओं के खिलाफ है. “पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने हमेशा इंसानियत, प्रेम और भाईचारे की शिक्षा दी है. उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा कि एक सच्चा मुसलमान न सिर्फ अपने धर्म की, बल्कि सभी धर्मों की इज्जत करता है. ऐसे में जो लोग धर्म के नाम पर खून बहा रहे हैं, वे मुसलमान हो ही नहीं सकते,” उन्होंने कहा.
उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे बहुसांस्कृतिक और धर्मनिरपेक्ष देश में इस तरह की घटनाएं न सिर्फ सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ती हैं, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज को बदनाम करने की साजिश होती हैं. रोहतासवी ने केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसे आतंकवादियों को पकड़कर कठोर से कठोर सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई धर्म की आड़ में इंसानियत पर हमला न कर सके.
उन्होंने यह भी अपील की कि मीडिया और समाज ऐसे हमलों को किसी मजहब से जोड़ने के बजाय आतंकवाद के रूप में ही देखें, ताकि निर्दोष मुस्लिम नागरिकों को संदेह की निगाह से न देखा जाए.
रोहतासवी ने मुस्लिम समुदाय से भी अपील की कि वे आगे आकर ऐसे हमलों की खुलकर भर्त्सना करें और यह स्पष्ट संदेश दें कि इस्लाम किसी भी प्रकार की हिंसा की अनुमति नहीं देता.
उन्होंने अंत में कहा कि समय आ गया है जब हम सबको मिलकर यह साबित करना होगा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता.
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