बैठक का मुख्य फोकस व्यवसायियों की सुरक्षा, भूमि स्वामित्व और लाइसेंसिंग से जुड़ी समस्याओं पर रहा. सेक्रेटरी दौलत चंद गुप्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि व्यवसायियों से हर प्रकार के कर और शुल्क वसूलने के बावजूद उन्हें शहरी क्षेत्रों में भूमि का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है
- प्रदेश टीम भी पहुंची बैठक में, आर्म्स लाइसेंस और भूमि स्वामित्व पर हुई गंभीर चर्चा
- व्यवसायियों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर जताई नाराजगी, सरकार से जल्द पहल की मांग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के पीपी रोड स्थित एक निजी सभागार में सोमवार को चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. बैठक में स्थानीय जिला कमेटी के आमंत्रण पर प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों की टीम भी विशेष रूप से पहुंची थी. प्रदेश अध्यक्ष सुभाष कुमार पटवारी, पूर्व अध्यक्ष पीके अग्रवाल, उपाध्यक्ष आशीष शंकर व प्रदीप कुमार चौरसिया, सेक्रेटरी पशुपतिनाथ पांडेय और अजय कुमार गुप्ता सहित कई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कमेटी के अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद ने की.
बैठक का मुख्य फोकस व्यवसायियों की सुरक्षा, भूमि स्वामित्व और लाइसेंसिंग से जुड़ी समस्याओं पर रहा. सेक्रेटरी दौलत चंद गुप्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि व्यवसायियों से हर प्रकार के कर और शुल्क वसूलने के बावजूद उन्हें शहरी क्षेत्रों में भूमि का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है. इस कारण कई व्यवसायी बैंक से ऋण लेने में असमर्थ हैं क्योंकि जमीनें कैसरे हिन्द के नाम पर दर्ज होने के कारण बैंक ऋण देने से मना कर देते हैं.
दौलत चंद गुप्ता ने मांग की कि प्रदेश के पदाधिकारी इस गंभीर समस्या को सरकार के समक्ष रखें और एक निश्चित समय सीमा के भीतर समाधान की दिशा में ठोस पहल कराएं. उन्होंने आर्म्स लाइसेंस की प्रक्रिया में आ रही अड़चनों का भी मुद्दा उठाया और कहा कि जहां प्रशासनिक प्रभाव वाले लोगों के कार्य त्वरित गति से हो जाते हैं, वहीं व्यवसायियों के आवेदन वर्षों तक लंबित पड़े रहते हैं. असुरक्षा के माहौल में व्यवसायी खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं.
बैठक में मौजूद उपाध्यक्ष रोहतास गोयल, संजय मिश्रा, दीपक अग्रवाल, अनिल कुमार मानसिंहका, डॉ दिलशाद आलम, फशी आलम, गोपाल, सुमित सौरभ, आशीष कुमार गुप्ता, स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष अशोक सर्राफ, विनय कुमार, मुन्ना केसरी, पंकज मानसिंहका और राजेश केशरी सहित अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए. सभी ने एक स्वर में व्यवसायियों की समस्याओं को सरकार के समक्ष मजबूती से रखने और शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने पर बल दिया.
बैठक के दौरान यह भी प्रस्ताव आया कि व्यवसायियों के लंबित कार्यों की सूची तैयार कर जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार को भेजी जाए ताकि समयबद्ध कार्रवाई संभव हो सके. चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की इस पहल को व्यवसायियों ने सकारात्मक कदम बताते हुए अपनी पूर्ण सहभागिता का भरोसा दिलाया.
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