संकुल स्तरीय मशाल कार्यक्रम में निखरी बच्चों की खेल प्रतिभा ..

मशाल 2024' प्रतियोगिता का उद्देश्य राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है. इसके माध्यम से कम उम्र में प्रतिभाओं की पहचान की जाती है और उन्हें उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार किया जाता है.










                                           




  • ए एस एम उच्च विद्यालय बलिहार में हुआ तीन दिवसीय खेलकूद का आयोजन
  • मेडल, टी-शर्ट और प्रशस्ति पत्र पाकर बच्चों में दिखा उत्साह

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  मशाल 2024 (बिहार राज्य खेल प्रतिभा खोज) के अंतर्गत संकुल स्तरीय तीन दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन ए एस एम उच्च विद्यालय बलिहार में किया गया. शनिवार को समापन समारोह में प्रतिभाशाली बच्चों को मेडल, टी-शर्ट और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर छात्रों में विशेष उत्साह देखा गया.

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका ममता तिवारी ने किया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि स्थानीय पंचायत के मुखिया धर्मराज चौरसिया शामिल हुए. उन्होंने बच्चों को कड़ी मेहनत और नियमित अभ्यास के लिए प्रेरित किया. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शाम्भवी राय ने कहा कि हर प्रकार का विकास प्रयास से ही संभव है. शारीरिक या बौद्धिक रूप से आगे बढ़ने के लिए निरंतर मेहनत जरूरी है.

कार्यक्रम में संकुल संसाधन केंद्र के समन्वयक राघवेन्द्र त्रिवेदी भी मौजूद रहे. उनके साथ मध्य विद्यालय बड़कागांव के शिक्षक राकेश कुमार और प्रफुल्ल कुमार सहित कई अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं. इनमें कृष्ण कुमार मिश्र, मंजर तनवीर, रंजीत चौबे और अर्चना तिवारी प्रमुख रहे. विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी आयोजन का हिस्सा बने.

'मशाल 2024' प्रतियोगिता का उद्देश्य राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है. इसके माध्यम से कम उम्र में प्रतिभाओं की पहचान की जाती है और उन्हें उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार किया जाता है. बलिहार के बच्चों ने विभिन्न खेलों में हिस्सा लेकर अनुशासन और प्रतिभा का परिचय दिया.

समापन के मौके पर सभी अतिथियों और शिक्षकों ने प्रतिभागी बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं. बच्चों को कड़ी मेहनत और नियमित अभ्यास से सफलता प्राप्त करने का संदेश दिया गया. इस तरह यह आयोजन न केवल खेल प्रतिभाओं को मंच देने वाला साबित हुआ, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को भी बढ़ावा देने वाला रहा.










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