कहना है कि 22 जुलाई को उनकी पोती को कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद वह उनकी पत्नी माया देवी के साथ सदर अस्पताल पहुंची थी. सदर अस्पताल में बच्ची स्वयं चलकर गई थी और चिकित्सक से कुत्ता काटने की घटना के बारे में विस्तार से बताया भी था.
- 22 जुलाई को अस्पताल में हुई दिया गया था एंटी रेबीज इंजेक्शन, तुरंत हो गयी थी मौत
- सभी पर कर्तव्य में लापरवाही तथा गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सदर अस्पताल में पिछले दिनों एंटी रेबीज इंजेक्शन लेने के बाद बच्चे की मौत मामले में मृत बच्ची के दादा के द्वारा नगर थाने में सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ नमिता सिंह के साथ-साथ चिकित्सक तथा दो जीएनएम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उनका कहना है कि उपाधीक्षक के द्वारा प्रतिनियुक्त चिकित्सक एवं जीएनएम के द्वारा कर्तव्य मेल प्रवाही बरतने के कारण बच्ची की मौत हो गई है.
थाने में दिए गए आवेदन में जिले के बरुना बिट्ठलपुर निवासी वीरेंद्र यादव का कहना है कि 22 जुलाई को उनकी पोती को कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद वह उनकी पत्नी माया देवी के साथ सदर अस्पताल पहुंची थी. सदर अस्पताल में बच्ची स्वयं चलकर गई थी और चिकित्सक से कुत्ता काटने की घटना के बारे में विस्तार से बताया भी था. हंसते-खेलते हुए उसने इंजेक्शन लिया लेकिन इंजेक्शन लेने के 1 मिनट के बाद ही उसकी मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर नमिता सिंह के द्वारा चिकित्सा डॉ सुमित मिश्रा तथा जीएनएम आशीष मीणा और अनिल कुमार की प्रतिनियुक्ति की गयी थी जो उस वक्त ड्यूटी में मौजूद थे लेकिन उन्होंने दो महिला चिकित्सा कर्मियों से बच्ची के दोनों हाथों में अलग-अलग दो इंजेक्शन दिलवा दिए. महिला कर्मियों ने दोनों देने से पूर्व इंजेक्शन चिकित्सक को दिखाएं भी नहीं. इंजेक्शन लेने के तुरंत बाद बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद चिकित्सक और अन्य कर्मी वहां से फरार हो गए.
इस मामले में सभी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है. जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.
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