ऑपरेशन सिंदूर में शौर्य और शहादत का सम्मान, प्रेम प्रकाश को वीरता सम्मान, शहीद सुनील को श्रद्धांजलि

कार्यक्रम के दौरान उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए और उनके बलिदान को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया. दोनों वीर सपूतों के परिजनों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया. 










                                           




  • गंगा आदर्श उच्च विद्यालय डिहरी में हुआ आयोजन
  • गांववासियों ने दोनों वीर सपूतों को किया नमन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाए गए साहस और बलिदान को सम्मान देने के लिए मंगलवार को चौसा प्रखंड के ग्राम पंचायत डिहरी स्थित गंगा आदर्श उच्च विद्यालय के प्रांगण में वीरता सम्मान एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस विशेष कार्यक्रम में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के आरक्षक प्रेम प्रकाश राम को वीरता सम्मान से नवाजा गया, वहीं ऑपरेशन के दौरान ही शहीद हुए बिहार रेजीमेंट के जवान सुनील कुमार सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुखिया कल्लू अंसारी ने की. आयोजन में गांव के सैकड़ों लोग, छात्र-छात्राएं, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. कार्यक्रम का उद्देश्य उन वीर सपूतों के प्रति सम्मान प्रकट करना था जिन्होंने देश की रक्षा में अपना योगदान दिया.

125 बटालियन सीमा सुरक्षा बल के आरक्षक प्रेम प्रकाश राम, जो ग्राम डिहरी के निवासी हैं, ने 08-09 मई 2025 की रात जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में पाकिस्तानी सेना और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा किए गए घुसपैठ के प्रयास को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके अद्वितीय साहस के कारण इस अभियान में 7 आतंकवादी, 3 पाकिस्तानी सैनिक और 10 आतंकी समर्थक मारे गए थे. इस दौरान उनके नेतृत्व में दुश्मनों के कई ठिकानों को भी नष्ट किया गया था.

इसी ऑपरेशन में बिहार रेजीमेंट के जवान सुनील कुमार सिंह वीरगति को प्राप्त हुए थे. कार्यक्रम के दौरान उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए और उनके बलिदान को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया. दोनों वीर सपूतों के परिजनों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया. प्रेम प्रकाश राम के परिवार को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए, जबकि शहीद सुनील कुमार सिंह के परिजनों को सम्मान पत्र भेंट किया गया.

इस आयोजन की सिफारिश 125 बटालियन के कमांडेंट चंद्र शेखर पालंसै द्वारा की गई थी. ग्राम प्रधान चंद्र शेखर पाराशरी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल वीर सपूतों का सम्मान होता है, बल्कि नई पीढ़ी को भी राष्ट्रसेवा की प्रेरणा मिलती है.

समारोह में पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, विद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. पूरा वातावरण एक ओर जहां गर्व से भरा था, वहीं दूसरी ओर शहीद जवान को खोने की पीड़ा भी लोगों के चेहरे पर झलक रही थी. समारोह देशभक्ति और सम्मान की एक सशक्त मिसाल बनकर गांव के इतिहास में दर्ज हो गया.










Post a Comment

0 Comments