टीकाकरण के बाद बिगड़ी बच्चियों की तबीयत, परिजन डरे, प्रशासन हरकत में आया

बताया कि यह टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला है जो सर्वाइकल तथा अन्य प्रकार के कैंसर से बचाव करता है. कभी-कभी इंजेक्शन के बाद शरीर में हल्की प्रतिक्रिया होती है जैसे लाल चकत्ते या बुखार, जो सामान्य है और कुछ समय में ठीक हो जाती है.
चिकित्सक से बात करते डॉ मनोज यादव









                                           







चौसा के पवनी मध्य विद्यालय में एचपीवी इंजेक्शन के बाद दर्जनभर छात्राएं पड़ी बीमार
चेयरमैन प्रतिनिधि ने की जांच की मांग, सिविल सर्जन बोले - घबराहट की वजह से बिगड़ी तबीयत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के चौसा  प्रखंड के पवनी मध्य विद्यालय में बुधवार को एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) टीकाकरण के दौरान अचानक दर्जनभर बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई जिससे अफरा-तफरी मच गई. कई बच्चियां बेहोश हो गईं जबकि कुछ को उल्टी, दस्त और चक्कर की शिकायत होने लगी. सभी को तत्काल चौसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां इलाज के बाद उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है. इस घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों में रोष फैल गया और प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.

बताया जा रहा है कि विद्यालय में छह से चौदह वर्ष की छात्राओं को टीका दिया जा रहा था. टीकाकरण के तुरंत बाद 12 छात्राएं बीमार हो गईं. परिजनों का आरोप है कि बच्चों को मानसिक रूप से तैयार नहीं किया गया और न ही किसी तरह की पूर्व जानकारी दी गई. साथ ही मौके पर कोई मेडिकल इमरजेंसी की व्यवस्था भी नहीं थी. स्कूल प्रशासन ने स्थिति बिगड़ते देख बच्चियों को तुरंत अस्पताल भेजा.

बीमार हुई छात्राओं में आठवीं कक्षा की रेखा, टुनी, करिश्मा, रूबी, रीना, खुशबू और बिंदु शामिल हैं. वहीं छठी की लक्ष्मी, साक्षी, निधि और रोशनी के साथ पांचवीं की पार्वती भी प्रभावित पाई गईं. डॉक्टरों के अनुसार सभी बच्चियां अब खतरे से बाहर हैं.

डॉ. मनोज यादव ने जताई चिंता, सीएस से की शिकायत


घटना की जानकारी मिलने पर चौसा नगर पंचायत के चेयरमैन प्रतिनिधि डॉ. मनोज यादव अस्पताल पहुंचे. उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जताई और सिविल सर्जन से इसकी शिकायत की. उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

सिविल सर्जन बोले - घबराहट के कारण बिगड़ी हालत


सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने बताया कि कुल 93 छात्राओं को टीका दिया गया जिसमें से सिर्फ 12 की तबीयत बिगड़ी. यह घबराहट और मानसिक तनाव के कारण हुआ लगता है. सभी छात्राएं खतरे से बाहर हैं.

डॉ. हरिओम पाठक ने कहा - घबराने की जरूरत नहीं


बक्सर रेलवे अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ. हरिओम पाठक ने बताया कि यह टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला है जो सर्वाइकल तथा अन्य प्रकार के कैंसर से बचाव करता है. कभी-कभी इंजेक्शन के बाद शरीर में हल्की प्रतिक्रिया होती है जैसे लाल चकत्ते या बुखार, जो सामान्य है और कुछ समय में ठीक हो जाती है.








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