यह भी मांग की गई कि कॉलेज में उर्दू, समाजशास्त्र, भूगोल, गृहविज्ञान, भोजपुरी, लोकप्रशासन, प्राकृत, बौद्ध अध्ययन जैसे विषयों में भी स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाई शुरू की जाए.
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कुलपति से बात करते तुषार विजेता |
- पीजी कोर्स से लेकर B.Ed., MBA और BA LLB शुरू करने की मांग
- बक्सर पहुंचने पर कुलपति का किया गया स्नेहिल स्वागत
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के कुलपति प्रो. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी के एम.वी. कॉलेज, बक्सर आगमन पर छात्र नेताओं द्वारा उनका स्नेहिल स्वागत किया गया. इस अवसर पर छात्र राजद के प्रदेश महासचिव एवं वी.के.एस.यू. छात्र नेता तुषार विजेता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति को सात सूत्री ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से कॉलेज में शैक्षणिक और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार की मांग की गई.
छात्र प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में सबसे पहले कॉलेज में भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित, जीवविज्ञान, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र, संस्कृत जैसे विषयों में पीजी की पढ़ाई शीघ्र शुरु किए जाने की मांग रखी ताकि छात्रों को अन्य जिलों में पलायन नहीं करना पड़े. इसके साथ ही कॉलेज में B.Ed. कोर्स की शुरुआत, शौचालय और यूरिनल जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की आवश्यकता को भी प्रमुखता से उठाया गया.
ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि कॉलेज में उर्दू, समाजशास्त्र, भूगोल, गृहविज्ञान, भोजपुरी, लोकप्रशासन, प्राकृत, बौद्ध अध्ययन जैसे विषयों में भी स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाई शुरू की जाए. साथ ही BBA और BCA में सीटें बढ़ाकर MBA और MCA जैसे व्यवसायिक कोर्स की शुरुआत की मांग भी शामिल रही.
महत्वपूर्ण रूप से विधि शिक्षा के क्षेत्र में पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम BA LLB की पढ़ाई शुरू करने की भी मांग रखी गई. छात्र नेताओं का कहना है कि प्राइवेट कॉलेजों में अत्यधिक शुल्क के कारण जिले के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.
अंत में यह मांग भी रखी गई कि कॉलेज त्याग प्रमाण पत्र (CLC) प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और सस्ता बनाया जाए. फिलहाल छात्रों को 24 रुपये के चालान के लिए साइबर कैफे का सहारा लेना पड़ता है जिससे उन्हें 200 से 300 रुपये तक खर्च करना पड़ता है. कॉलेज परिसर में ही क्यूआर कोड या ऑफलाइन रसीद की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई.
छात्र नेताओं ने विश्वास जताया कि कुलपति इन मांगों पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक कदम उठाएंगे.
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