दरबार में आए कुल 17 आवेदनों की समीक्षा की और तत्काल समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. बंदियों ने अधिकारियों के समक्ष जमीन कब्जा, सर्वे संबंधी समस्या तथा परिवार को असामाजिक तत्वों द्वारा परेशान किए जाने जैसी शिकायतें रखीं.
- जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में 17 आवेदनों का हुआ निस्तारण, बंदियों की समस्याएं सुनी गईं
- महर्षि विश्वामित्र वाटिका का उद्घाटन एवं 1000 पौधों का वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न
- आरसेटी द्वारा प्रशिक्षित बंदियों को प्रमाण पत्र व विक्रय केन्द्र का उद्घाटन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केन्द्रीय कारा, बक्सर में शनिवार को एक साथ कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. मुख्य कार्यक्रम बंदी दरबार रहा, जिसकी अध्यक्षता जिला पदाधिकारी बक्सर ने की. कार्यक्रम की शुरुआत जिला पदाधिकारी को गार्ड ऑफ ऑनर एवं बुके भेंट कर स्वागत से हुई. अधीक्षक, केन्द्रीय कारा ज्ञानिता गौरव ने उनका अभिनंदन किया. इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक बक्सर और उप विकास आयुक्त विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में उपस्थित रहे.
बंदी दरबार में अनुमंडल पदाधिकारी, असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल एवं कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हुए. बंदियों ने स्वागत गीत गाकर अधिकारियों का अभिनंदन किया, वहीं अधीक्षक द्वारा पौधा भेंट कर सभी का स्वागत किया गया.
जिला पदाधिकारी ने दरबार में आए कुल 17 आवेदनों की समीक्षा की और तत्काल समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. बंदियों ने अधिकारियों के समक्ष जमीन कब्जा, सर्वे संबंधी समस्या तथा परिवार को असामाजिक तत्वों द्वारा परेशान किए जाने जैसी शिकायतें रखीं. जिस पर उन्हें आवेदन देकर समस्या दर्ज कराने और उस पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. इसके बाद जिला पदाधिकारी ने कारा परिसर की साफ-सफाई, भोजन, आवासन एवं अनुशासन की व्यवस्था का निरीक्षण किया. साथ ही निर्माणशाला में वस्त्र निर्माण कार्य का सूक्ष्म अवलोकन कर बंदियों की कार्यकुशलता पर संतोष जताया.
इसी क्रम में महर्षि विश्वामित्र वाटिका का उद्घाटन किया गया और परिसर में 1000 पौधों का वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. इसके अतिरिक्त बंदियों के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आरसेटी द्वारा प्रशिक्षित 25 बंदियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए. बंदियों के बनाए उत्पादों की बिक्री के लिए विक्रय केन्द्र का भी उद्घाटन किया गया.
जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं और कारा में चल रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं. बाहर निकलने के बाद सकारात्मक सोच और ऊर्जा के साथ परिवार, गांव और समाज से जुड़ें तथा मुख्यधारा में अपनी उपयोगी भूमिका निभाएं.
कार्यक्रम का समापन उपाधीक्षक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ. दिनभर आयोजित गतिविधियों से बंदियों में विशेष उत्साह देखने को मिला क्योंकि जहां एक ओर उनकी समस्याएं सीधे जिला पदाधिकारी के समक्ष सुनी गईं, वहीं दूसरी ओर उन्हें आत्मनिर्भर बनने और समाज से जुड़ने के नए अवसर भी प्राप्त हुए.
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