सदर अस्पताल कर्मियों और चिकित्सकों का वेतन दो माह से बंद ..

वेतन रोके जाने के बाद कई तरह के सवाल भी खड़े होते हैं. यह आशंका भी बलवती हो जाती है कि कहीं लेनदेन को लेकर तो वेतन नहीं लटकाया जा रहा?
सदर अस्पताल 




                                         





  • सिविल सर्जन के आदेश पर रोका गया भुगतान, कर्मियों में आक्रोश
  • त्योहार से पहले वेतन मिलने को लेकर संशय

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर अस्पताल के कर्मियों तथा चिकित्सकों का वेतन पिछले दो माह से बंद है. ऐसा सिविल सर्जन के आदेश पर किया गया है नाम छापने की शर्त पर कर्मियों ने बताया कि सिविल सर्जन मनमाने ढंग से जांच के नाम पर वेतन को रोक कर रखते हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब दो महीनों का वेतन रोका गया हो. कई बार इस तरह की कार्रवाई की जा चुकी है. इस संदर्भ में शिकायत करने पर भी कोई हल नहीं निकलता.

वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मियों के समक्ष आर्थिक परेशानियां खड़ी हो गई हैं. कर्मियों ने बताया कि बच्चों के स्कूल फीस के साथ-साथ राशन खरीदने तक के भी पैसे नहीं है. ऐसे में जीवन कैसे चलेगा यह समझ नहीं आ रहा.

स्पष्टीकरण देने के बावजूद लटकाया जाता है वेतन

कर्मियों ने बताया कि पिछले महीना में कई बार ऐसी स्थिति सामने आई जब सिविल सर्जन के जांच में कोई कर्मी अनुपस्थित पाया गया और सिविल सर्जन ने उससे स्पष्टीकरण की मांग की. हालांकि,स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद भी वेतन लटका कर रखा जाता है.

कहीं लेन-देन का तो खेल नहीं?

सिविल सर्जन के द्वारा कर्मियों और चिकित्सकों का वेतन रोके जाने के बाद कई तरह के सवाल भी खड़े होते हैं. यह आशंका भी बलवती हो जाती है कि कहीं लेनदेन को लेकर तो वेतन नहीं लटकाया जा रहा?

काम के बाद वेतन नहीं मिलने से रोष

कर्मियों और चिकित्सकों का यह कहना है कि चिकित्सा सेवा आपातकालीन सेवा है. ऐसे में चिकित्सा और चिकित्सा कर्मी काफी तनावपूर्ण वातावरण में कार्य करते हैं. इसके बाद भी वेतन रोक देना अन्याय पूर्ण है.

इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर शिवकुमार प्रसाद चक्रवर्ती से उनके सरकारी नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं होने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.

बहरहाल, देखने वाली बात यह है कि क्या त्योहारों के पहले कर्मियों और चिकित्सकों का वेतन भुगतान हो पता है अथवा नहीं?







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