यूपी की वाहन जांच से बक्सर का ट्रैफिक ठप, 5 किलोमीटर लंबा जाम घंटों बनी रही परेशानी ..

बताया गया कि ट्रकों की रफ्तार लगभग थम-सी गई, जिसके चलते सैकड़ों गाड़ियां शहर में अटक गईं. बाद में स्थानीय अधिकारियों ने यूपी अधिकारियों से बातचीत कर जांच को नियंत्रित तरीके से करने का अनुरोध किया. निर्णय हुआ कि रात 12 बजे के बाद ही ट्रकों को प्रवेश दिया जाएगा, ताकि दिन में जाम की स्थिति न बने.





                                         








  • गोलंबर से आईटीआई तक वाहनों की लंबी कतार, स्कूल बच्चे, मरीज और यात्री रहे परेशान
  • यूपी खनन विभाग की धीमी जांच बताई गई वजह, अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद धीरे-धीरे बहाल हुआ यातायात

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर में शुक्रवार देर रात से शुरु हुआ भीषण सड़क जाम शनिवार सुबह तक बना रहा. गोलंबर, सिंडिकेट, बायपास रोड, ज्योति चौक से होते हुए आईटीआई तक करीब 5 किलोमीटर लंबी कतार में ट्रक, छोटे वाहन और बाइकें फंस गईं. दोनों ओर से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया और नगर लगभग ठप दिखने लगा. निजी स्कूलों के छात्र, ऑफिस जाने वाले लोग, रेल यात्री, अस्पताल पहुंचने वाले मरीज और कचहरी जाने वाले वकील जाम में घंटों परेशान रहे. देर रात से शुरु हुई यह समस्या सुबह तक लोगों को भारी मुसीबत में डाल गई.

यूपी में वाहन जांच बनी जाम की वजह

सूत्रों के अनुसार, जाम की मुख्य वजह उत्तर प्रदेश सरकार के खनन विभाग द्वारा सीमा के उस पार की जा रही ट्रकों की जांच थी. जांच की प्रक्रिया बेहद धीमी होने से वाहनों का दबाव तेजी से बढ़ा और बक्सर की मुख्य सड़कों पर जाम फैल गया. बताया गया कि ट्रकों की रफ्तार लगभग थम-सी गई, जिसके चलते सैकड़ों गाड़ियां शहर में अटक गईं. बाद में स्थानीय अधिकारियों ने यूपी अधिकारियों से बातचीत कर जांच को नियंत्रित तरीके से करने का अनुरोध किया. निर्णय हुआ कि रात 12 बजे के बाद ही ट्रकों को प्रवेश दिया जाएगा, ताकि दिन में जाम की स्थिति न बने.

रेल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

जाम का सबसे ज्यादा असर स्टेशन के यात्रियों पर दिखा. सुबह की ट्रेनों के लिए निकले कई लोग घंटों फंसे रहे. चुरामनपुर के राजेश कुमार ने बताया, “सिर्फ तीन किलोमीटर चलने में डेढ़ घंटा लग गया. अगर 10 मिनट और देरी होती तो ट्रेन छूट जाती.” कई यात्रियों का कहना था कि पहले से सूचना मिलती तो वे दूसरा रास्ता ले सकते थे.

अस्पताल जाने वाले भी परेशान

सदर अस्पताल और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाने वाले मरीज जाम में फंसकर परेशान हुए. बाबा नगर की सीता देवी को लेकर जा रहे परिजन करीब 40 मिनट तक जाम में अटके रहे. उनका कहना था कि ज्योति प्रकाश चौक तक पहुंचने में ही भारी मशक्कत करनी पड़ी, जिससे मरीजों की स्थिति बिगड़ने का डर बना रहता है.

स्कूल बच्चों और अभिभावकों की बढ़ी चिंता

सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों की बसें और ऑटो जगह-जगह अटके रहे. अभिभावक आयुष्मान शर्मा ने कहा, “हम लोग समय पर निकले थे, लेकिन गोलंबर से ही जाम में फंस गए. करीब 25 मिनट वहीं बिताने पड़े.” कई स्कूलों में बच्चे देर से पहुंचे, जिससे अभिभावकों की चिंता और बढ़ी.

व्यवसायियों और कार्यालय कर्मियों पर असर

कचहरी, जिला परिषद, बैंक तथा अन्य सरकारी कार्यालयों में जाने वाले कर्मचारियों को समय पर पहुंचना मुश्किल हो गया. व्यापारियों ने बताया कि माल लाने-ले जाने वाले वाहन समय पर नहीं पहुंच सके, जिससे दैनिक कारोबार प्रभावित हुआ.

कहते हैं ट्रैफिक डीएसपी

ट्रैफिक डीएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि यूपी अधिकारियों से बातचीत की गई है और उनसे अनुरोध किया गया है कि जांच के दौरान ऐसी स्थिति फिर न बने. उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस टीम लगातार तैनात है और जाम हटाने का प्रयास जारी है.

लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव और यूपी की जांच के कारण शहर में हुआ यह जाम आम लोगों के लिए शनिवार की सुबह बेहद परेशानी भरा साबित हुआ. हालांकि प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी, लेकिन लोगों ने स्थायी समाधान की मांग की है.







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