भारतीय टीम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का अवसर मिला, जिससे टीम का मनोबल और ऊँचा हुआ. खबर जैसे ही मुकुंदपुर गांव में पहुंची, पूरा इलाका खुशी से झूम उठा — ढोल-नगाड़ों की गूंज, मिठाइयों की बरसात और लोगों के उत्साह के बीच गांव में जश्न का माहौल बन गया.
- भारतीय नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत में अनु कुमारी का अहम योगदान
- प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से मुलाकात, डुमरांव में भव्य स्वागत — पूरे बक्सर में उत्सव का माहौल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सिमरी प्रखंड के मुकुंदपुर गांव की बेटी अनु कुमारी ने वह कर दिखाया, जो अब तक किसी बेटी ने हासिल नहीं किया था. भारतीय नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने विश्व कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और देश के साथ पूरे बक्सर का मान बढ़ा दिया. बीते बुधवार को फाइनल मुकाबले में भारत ने नेपाल को 7 विकेट से हराकर पहला नेत्रहीन महिला टी-20 विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया, और इस गौरवशाली अध्याय में अनु का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया.
विश्व कप खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का अवसर मिला, जिससे टीम का मनोबल और ऊँचा हुआ. खबर जैसे ही मुकुंदपुर गांव में पहुंची, पूरा इलाका खुशी से झूम उठा — ढोल-नगाड़ों की गूंज, मिठाइयों की बरसात और लोगों के उत्साह के बीच गांव में जश्न का माहौल बन गया.
आज जब अनु डुमरांव पहुंचीं, तो उनका स्वागत भव्य जुलूस के रूप में किया गया. प्रशंसक वाहन पर लेकर गांव तक जुलूस के साथ गए और पूरे रास्ते जश्न मनाया. इसके बाद अनु डुमरांव महाराज की कोठी पहुंचीं, जहां उनके पिता सोहन चौधरी गौशाला में काम करते हैं. वहीं मान विजय सिंह ने अनु को सम्मानित किया और उपहार भेंट किया.
कठिन आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों में पली-बढ़ी अनु ने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के बावजूद संघर्षों को पीछे छोड़कर मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प के दम पर देश के लिए यह स्वर्णिम इतिहास रचा.
गांव के लोगों का कहना है कि अनु की सफलता ने सिर्फ परिवार नहीं, पूरे बक्सर और बिहार का नाम राष्ट्रीय स्तर पर ऊँचा किया है. स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार और खेल विभाग अनु कुमारी को उचित सम्मान देंगे, ताकि वह आगे भी देश के लिए गौरवपूर्ण प्रदर्शन जारी रख सकें.
अनु कुमारी की कहानी यह साबित करती है कि “संकल्प और मेहनत के आगे कोई मुश्किल बड़ी नहीं होती.” आज बक्सर गर्व से कह रहा है — “अनु, तुमने पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया.”






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