कहा कि कट्टरपंथी समूह धर्म के नाम पर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिन्हें मानवता के खिलाफ अपराध बताया जा रहा है. उनका कहना है कि पीड़ितों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पा रही है और कई मामलों में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं.

- कट्टरपंथी तत्व धर्म के नाम पर कर रहे हिंसा, प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे सवाल
- भारत ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जताई गंभीर चिंता, अंतरराष्ट्रीय जांच की अपील
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. भाजपा नेता बिनोद चौबे ने कहा कि कट्टरपंथी समूह धर्म के नाम पर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिन्हें मानवता के खिलाफ अपराध बताया जा रहा है. उनका कहना है कि पीड़ितों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पा रही है और कई मामलों में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं.
साथ ही, बांग्लादेश के कुछ राजनीतिक और सामाजिक मंचों से भारत विरोधी बयान सामने आने की चर्चा भी तेज हो गई है. श्री चौबे का मानना है कि ऐसे बयान क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा सकते हैं. भारत की ओर से आधिकारिक स्तर पर कहा गया है कि वह पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और हालात पर नजर रखे हुए है. सरकार ने यह दोहराया कि किसी भी प्रकार की हिंसा अस्वीकार्य है और मानवाधिकारों का संरक्षण आवश्यक है.
भाजपा नेता बिनोद चौबे ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है. उनका कहना है कि पीड़ित समुदायों को सुरक्षा, न्याय और भरोसे की जरूरत है. उन्होंने सभी पक्षों से अपील की कि बांग्लादेश के भीतर शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए संयम बरतें.
श्री चौबे ने कहा कि मौजूदा स्थिति में संवाद, अंतरराष्ट्रीय दबाव और कानूनी प्रक्रिया ही समाधान का रास्ता है. क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है कि आरोपों की निष्पक्ष जांच हो, दोषियों को सजा मिले और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.




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