तब से प्रतिदिन ये लोग खाना बनाकर शहर के झुग्गी झोपड़ी एवं जरूरतमंदों के बीच इसका वितरण करते हैं इनकी टीम देर रात तक बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, स्लम एरिया तथा दूसरे राज्यों से आए और बक्सर में टेंट लगाकर रह रहे लोगों के बीच भोजन मुहैया करा रही है.
- 23 मार्च से लगातार कर रहे हैं समाज के लिए कार्य
- कहा, संकट काल से लड़ने के लिए लोगों को बना रहे हैं मजबूत
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना संकटकाल में जो विपत्ति देश और समाज पर आई है उसे दूर भगाने के लिए जहां स्वास्थ्य संगठन लगातार काम कर रहे हैं वहीं, भोजन को लेकर भी एक बड़ा सवाल एक बहुत बड़े तबके के समक्ष खड़ा हो गया है. समाज में बहुत सी ऐसी संस्थाएं तथा लोग हैं जो गरीबों के लिए दिन रात काम कर रही है. ऐसे ही लोगों में युवा समाजसेवी कमलेश पाल एवं उनके साथी शामिल हैं जो 23 मार्च से लगातार असहाय तथा जरूरतमंदों को प्रतिदिन खाद्य सामग्री जैसे चावल, दाल, आलू, तेल एवं मसाला आदि का वितरण करना शुरू किया.
कुछ दिन बीतते ही उन्हें यह एहसास हुआ कि, बहुत सारे परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास गैस या जलावन के लिए कुछ भी नहीं है. फिर कमलेश अपने साथी अंकित राय, रास बिहारी ओझा, पप्पू यादव, दीपक सिंह, विशेश्वर सिंह एवं शशि राय की मदद से खाना बनाने का निर्णय लिया. तब से प्रतिदिन ये लोग खाना बनाकर शहर के झुग्गी झोपड़ी एवं जरूरतमंदों के बीच इसका वितरण करते हैं इनकी टीम देर रात तक बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, स्लम एरिया तथा दूसरे राज्यों से आए और बक्सर में टेंट लगाकर रह रहे लोगों के बीच भोजन मुहैया करा रही है.
कमलेश ने कहा कि, आज जिस तरह से कोरोना संकट मानवता पर कहर बनकर टूट रहा है ऐसे में उनका यह प्रयास लोगों को इससे लड़ने का साहस दे इसी कामना के साथ उनकी पूरी टीम काम कर रही है.
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