जहां साफ-सफाई की व्यवस्था गड़बड़ होने के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध लोगों को कोई और बीमारी लगने का खतरा मंडराने लगा. यहाँ रह रहे लोगों ने व्यवस्थाओं की तस्वीरें तथा वीडियो बनाकर सीएम नीतीश कुमार को ट्वीट कर दिया.
- हाल सरस्वती विद्या मंदिर कलेक्शन सेंटर का.
- रह रहे लोगों ने मुख्यमंत्री से की थी शिकायत
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के दो नए मामले सामने आने के बाद जहां प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है वहीं, अब एहतियात के तौर पर सैनिटाइजेशन का कार्य तेज किया जा रहा है. हालांकि, कार्यों का अवलोकन नहीं किए जाने के कारण तमाम तरह की खामियां भी उजागर हो रही हैं. ऐसा ही एक मामला अहिरौली स्थित विद्या मंदिर स्कूल में बनाए गए कलेक्शन सेंटर में सामने आया है. जहां साफ-सफाई की व्यवस्था गड़बड़ होने के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध लोगों को कोई और बीमारी लगने का खतरा मंडराने लगा. यहाँ रह रहे लोगों ने व्यवस्थाओं की तस्वीरें तथा वीडियो बनाकर सीएम नीतीश कुमार को ट्वीट कर दिया.
रह रहे लोगों ने बताया कि, कलेक्शन सेंटर में साफ-सफाई से लेकर स्वच्छ जलापूर्ति तक की व्यवस्था गड़बड़ है. शौचालय की स्थिति ऐसी है कि, उसने कभी पानी आता है और कभी नहीं आता है.दूसरी तरफ कमरों में जो बेड लगाए गए हैं उनके बीच भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. आश्चर्य की बात तो यह है कि, कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद इस पर कोई सुनवाई प्रशासन के द्वारा नहीं की गई.
कलेक्शन सेंटर में रह रहे हैं विनायक कुमार ने बताया कि, उन्हें सर्दी-खांसी थी जिसकी शिकायत उन्होंने सरकारी नंबर पर की जिसके बाद उन्हें लाकर यहां इस सेंटर में रख दिया गया. इस सेंटर की स्थिति इतनी बदहाल है कि, सर्दी-बुखार ठीक हो ना हो अन्य कोई बीमारी अवश्य हो जाएगी. सेंटर में पदस्थापित चिकित्सक डॉ. बीएन चौबे ने बताया के साफ-सफाई की व्यवस्था बेहद बदहाल है. गंदगी यत्र-तत्र पसरी हुई है. जूठे डिस्पोज़ेबल प्लेट फेंके जाने से आ रही बदबू सामान्य आदमी को भी बीमार बना देने के लिए काफी है. सैनिटाइजेशन तो यहां कभी हुआ ही नहीं है. प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत करने पर भी सुनवाई नहीं हो रही है.
इस संदर्भ में पूछे जाने पर जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि, उन्हें भी इस बात की सूचना मिली थी जिसके बाद उन्होंने रविवार के दिन में तकरीबन 1:00 बजे सेंटर का निरीक्षण किया जहां साफ-सफाई तथा सैनिटाइजेशन का कार्य किया जा चुका था. उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति को जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण का संदेह होता है. उसे वहां रखते हुए उसके स्वाब का नमूना जांच के लिए पटना भेजा जाता है. जिसके बाद वहां से लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेज दिया जाता है. हालांकि, साफ़-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है.
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