हालांकि, सारी वारदात होटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी. इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया था. बताया जाता है कि कुबेर का पुलिस महकमे में काफी रसूख हुआ करता था. वह बड़े पुलिस अधिकारियों का खास था. ब्रह्मपुर थाने में उसकी इतनी चलती थी कि पुलिस अधिकारी भी उसे खासी इज्जत देते थे.
- भोजपुर जिले के करनामेपुर बाजार से किया गया गिरफ्तार
- एसटीएफ के साथ-साथ बक्सर तथा भोजपुर पुलिस रही अभियान में शामिल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: लगभग ढाई साल पहले इलाज के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार होने वाले हत्यारोपी रविंद्र उर्फ कुबेर मिश्रा को एसटीएफ की टीम ने आरा और बक्सर पुलिस के संयुक्त अभियान में भोजपुर जिले के करनामेपुर से गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुबेर बक्सर तथा भोजपुर जिले के सीमावर्ती शाहपुर थाना तथा ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के गांवों में छिपकर रह रहा था. सीमावर्ती इलाका होने के कारण वह आसानी से दोनों जिलों की पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जा रहा था.
ऐसे में इस बात की भनक मिलते ही एसटीएफ की टीम में दोनों जिलों की पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार कर लिया है. रहा है कि शनिवार की शाम तकरीबन 5:00 बजे उसे गिरफ्तार किया गया. कुबेर पर वर्ष 2014 में ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के योगियां गांव में हुए डबल मर्डर का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने उसे पहली बार डुमरांव के लाखन डिहरा गाँव से गिरफ्तार भी किया था. लेकिन वह पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज़ कराने के दौरान एक निजी होटल से 15 अगस्त 2016 को पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा. तब से पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी. बताया जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी पर 50 हज़ार रुपये का इनाम भी था.
क्या है आरोप:
दरअसल, 16 अक्टूबर 2014 की शाम के समय योगियां गाँव में गसौराई पूजा के दौरान गाँव में कुबेर मिश्रा के साथ प्रदीप यादव व नीरज यादव के बीच विवाद हुआ. जिसके बाद कुबेर ने प्रदीप और नीरज पर गोली चलाई. दोनों युवक जान बचाने के लिए गौशाला में जाकर छिप गए थे. लेकिन कुबेर मिश्रा ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए वहां भी पहुंच गया और गोलियों से दोनों को छननी कर दिया. इस मामले में ब्रह्मपुर थाने में परिजनों से 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था जिसमें न्यायालय ने 19 लोगों को दोषी करार दिया. साथ ही पीड़ित के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया था.
नाटकीय ढंग से पटना से हुआ था फरार:
हत्याकांड का मुख्य आरोपी रविन्द्र मिश्रा उर्फ कुबेर मिश्रा बक्सर सेंट्रल जेल में बंद था. मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर इलाज के लिए उसे 11 अगस्त 2016 को पेट में बीमारी की शिकायत को लेकर पीएमसीएच भेजा गया था. वहां से उसे पटना इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रेफर कर दिया गया था. इसी क्रम में वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. मामले में हवलदार अवधेश राम के बयान के आधार पर उसके विरुद्ध शास्त्रीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. उस वक्त मामले की जांच तत्कालीन डुमरांव एसडीपीओ कमला पति सिंह ने की थी. जिसमें यह बात सामने आयी कि इलाज कराने के लिए कुबेर मिश्रा पटना गया था. वहां एक होटल में रूका था. पुलिस कर्मी जब सो गये. तब वह चुपचाप निकल गया था. हालांकि, सारी वारदात होटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी. इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया था. बताया जाता है कि कुबेर का पुलिस महकमे में काफी रसूख हुआ करता था. वह बड़े पुलिस अधिकारियों का खास था. ब्रह्मपुर थाने में उसकी इतनी चलती थी कि पुलिस अधिकारी भी उसे खासी इज्जत देते थे.
22 लोगों को बनाया गया था आरोपी, 19 को सज़ा 2 को मिली राहत
हत्याकांड के इस मामले में पीड़ित के परिजनों ने रविंद्र मिश्रा उर्फ कुबेर मिश्रा सहित 22 को लोगों को नामजद आरोपित बनाते हुए ब्रह्मपुर थाना में कांड संख्या 287/14 दर्ज कराया गया था. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद मुख्य डुमरांव के लाखन डिहरा गाँव से आरोपी कुबेर मिश्रा की गिरफ्तारी की थी. लेकिन, बाद में वह पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल हो गया. हालांकि इस मामले में पुलिस के अनुसंधान में दो आरोपियों का केस से नाम बाहर किया कर दिया था. जबकि, एक अभियुक्त की उम्र कम होने के कारण उसे किशोर न्याय परिषद में भेजा गया है. कुबेर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है.
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