बालगृह में भ्रष्टाचार का खेल, संचालनकर्ता एनजीओ, अधीक्षक तथा लेखापाल से शो-कॉज ..

दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं कि, उनके कृत्य के लिए उनकी बर्खास्तगी की कार्यवाही क्यों ना की जाए? साथ ही यह भी अवगत कराया जाए कि, किसके आदेश पर बाल गृह की संस्थाएं बाल गृह के कार्यालय में उपलब्ध नहीं रहती है?

- सहायक निदेशक के निरीक्षण में पाई गई अनियमितताएं तो मांगा गया स्पष्टीकरण
- सहायक निदेशक ने पूछा क्यों न की जाए बर्खास्तगी की कार्रवाई

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले में स्थापित बालगृह के संचालनकर्ता एनजीओ शक्ति वर्धिनी के सचिव बाल गृह के लेखापाल एवं अधीक्षक से जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने वित्तीय अनियमितताओं की आशंका के मद्देनजर स्पष्टीकरण की मांग की है. उन्होंने स्पष्ट करने को कहा है कि, संचिकाओं की अनुपलब्धता तथा त्रैमासिक रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने की सूरत में उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई क्यों न की जाए?

दरअसल, जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक के द्वारा बालगृह का औचक निरीक्षण किया गया इस निरीक्षण के दौरान वित्तीय वर्ष संबंधित सभी कार्यों सभी प्रकार की संचिका की मांग की गई लेकिन, बालगृह के लेखापाल द्वारा सहायक निदेशक संचिकाएँ व रजिस्टर नहीं कराई जा सकी. पूछने पर उन्होंने बताया कि, वित्तीय संचिका एनजीओ शक्तिवर्धिनी, दानापुर के पास है. इस पर सहायक निदेशक ने कहा कि, पूर्व में भी वित्तीय वर्ष 2019-20 की उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने एवं वित्तीय संचिका जांच हेतु उपलब्ध कराने का निर्देश लेखापाल को दिया गया था, जिसका अनुपालन अब तक नहीं किया गया. ऐसे में यह कार्य शैली लेखापाल के मनमाने रवैये का द्योतक है. उन्होंने कहा कि, बाल गृह से संबंधित वित्तीय संचिका बाल गृह के अधीक्षक द्वारा भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराई गई. साथ ही इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई को भी नहीं दी गई. ऐसे में यह रवैया दर्शाता है कि, इस कार्य में उनकी भी संलिप्तता है.

सहायक निदेशक ने बताया कि 8 जनवरी 2018 को विभागीय निर्देश के आलोक में बालगृह वित्तीय वर्ष 2019 की मासिक विवरण एवं व्यय से संबंधित त्रैमासिक प्रतिवेदन कार्यालय में उपलब्ध कराना था लेकिन, वह भी उपलब्ध नहीं कराया गया. 25 मार्च के विभागीय निर्देश में भी यह कहा गया था कि, वित्तीय वर्ष के उपरांत यदि कोई शेष राशि उपलब्ध हो तो उसका समायोजन करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष में राशि निर्गत की जानी है. परंतु बालगृह की मासिक विवरणी एवं व्यय से संबंधित ट्रैमासिक प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण 2020-21 के प्रथम तिमाही के लिए जिला पदाधिकारी ने बाल गृह को भुगतान की स्वीकृति नहीं दी.

सहायक निदेशक ने शक्ति वर्धनी संस्था के साथ साथ बाल गृह के अधीक्षक तथा लेखापाल के विरुद्ध राज्य बाल संरक्षण समिति से कार्रवाई की अनुशंसा की है. साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि दो दिनों के अंदर शक्तिवर्धनी संस्था के सचिव  बाल गृह से संबंधित सभी संचिकाएँ, त्रैमासिक वित्तीय प्रतिवेदन एवं स्टॉक रजिस्टर जिला बाल संरक्षण इकाई को सौंपे तथा लेखापाल एवं अधीक्षक दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं कि, उनके कृत्य के लिए उनकी बर्खास्तगी की कार्यवाही क्यों ना की जाए? साथ ही यह भी अवगत कराया जाए कि, किसके आदेश पर बाल गृह की संस्थाएं बाल गृह के कार्यालय में उपलब्ध नहीं रहती है?













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