बड़े कलाकार तो किसी तरह इस संकट काल को झेल रहे हैं लेकिन, छोटे कलाकारों की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर बनती जा रही है. उन्होंने बताया कि, लोकगीत गायक, साजिंदे, नर्तक, कलाकार सभी के पास आज के समय में काम व पैसे दोनों नहीं है.
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गायक श्रीराम यादव |
- कोरोना संकट का भोजपुरी लोक कलाकारों की हालत हुई खराब
- कहा, नहीं बनी कोई रणनीति तो हालात होंगे बद से बदतर
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना संक्रमण काल के दौरान विभिन्न उद्योगों पर संकट के बादल छाए हुए हैं. जिनसे जुड़े लोगों के समक्ष भी भुखमरी जैसे हालात बन रहे हैं. संक्रमण के ऐसे ही काल चक्र में भोजपुरी गीत-संगीत उद्योग भी फंस चुका है. भोजपुरी गीत से जुड़े कई गीतकार संगीतकार एवं कलाकारों के समक्ष भी भुखमरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
बताया जा रहा है कि, बड़े कलाकार तो किसी तरह अपना जीवन-यापन कर ले रहे हैं लेकिन, छोटे कलाकारों के के लिए इस संक्रमण काल को झेलना मुश्किल साबित हो रहा है. बाल-बच्चों तथा परिवार को लेकर इस संक्रमण काल में जीवन बसर करने के लिए उनके समक्ष अब कोई रास्ता नहीं बचा है. बुरी बात यह है कि कोई ऐसा माध्यम नहीं बना पर रहा है जो उन्हें इस विकट परिस्थिति में संबल प्रदान कर सके.
भोजपुरी लोकगीत गायक श्रीराम यादव बताते हैं कि, आम दिनों में भोजपुरी गीत-संगीत से जुड़े लोगों के जीवन-यापन में कोई परेशानी नहीं होती लेकिन लॉक डाउन के कारण रोजगार-धंधा बिल्कुल बंद हो गया है. ऐसे में कहीं से कोई मदद भी नहीं मिल पा रही. बड़े कलाकार तो किसी तरह इस संकट काल को झेल रहे हैं लेकिन, छोटे कलाकारों की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर बनती जा रही है. उन्होंने बताया कि, लोकगीत गायक, साजिंदे, नर्तक, कलाकार सभी के पास आज के समय में काम व पैसे दोनों नहीं है. ऐसे में व यह नहीं समझ पा रहे कि कैसे इस विपत्ति काल का सामना किया जाए.
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गायक व नायक सुनील सागर |
गायक सुनील सागर बताते हैं कि, भोजपुरी लोक गीत गायक व कलाकार अथवा कला जगत से जुड़े हर व्यक्ति के लिए कोरोना संक्रमण काल में कोई काम नहीं है. ऐसे में घर पर बेरोजगार बैठे-बैठे वह अपनी बचत को खत्म कर चुके हैं. अब कई छोटे कलाकारों के पास भोजन आदि की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही. लोगों का मनोरंजन कर उनका दिल बहलाने वाले कलाकार आज दया के पात्र बन कर राह गए हैं. जल्द ही सरकार ने ऐसे लोगों की मदद करने की रणनीति नहीं बनाई तो हालात और भी बदतर हो जाएंगे.
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