नमामि गंगे योजना: घाटों के सौंदर्यीकरण पर ग्रहण बन रहा धीमी गति से चल रहा कार्य ..

इस दौरान 6 गंगा घाटों के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव था. जिसके लिए सरकार ने 68 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी थी. कार्य शुरू होने के बाद जहां मंथर गति से चल रहा था वहीं बाद में बताया गया कि, केवल तीन गंगा घाटों पर कार्य किया जाना है. शेष तीन गंगा घाटों का कार्य इस परियोजना से निकाला जा चुका है. ऐसे में लोगों की उम्मीदों पर पानी ही फिरता नजर आ रहा है.

- मंथर गति से चल रहा काम, एक बार फिर गंगा में समा सकती है महीनों की मेहनत
- छह घाटों पर होना था काम, अब केवल तीन घाट ही हैं शामिल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना संक्रमण काल में मंथर गति से चल रहे नमामि गंगे योजना के अंतर्गत घाटों के सौंदर्यीकरण के कार्य के इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही. दरसअल, कार्य की गति को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि, अब जब एक-दो माह के भीतर जब बाढ़ जैसी स्थिति होगी तो यह घाट पुनः गंगा की आगोश में समा जाएंगे तथा बाढ़ उतरने के बाद घाटों पर इतनी सिल्ट जमा होगी जिसे तुरंत हटा कर काम करना बेहद ही मुश्किल होगा. बताया जा रहा है कि यह परियोजना पिछले चार सालों विभिन्न कारणों से टलती चली आ रही है. इसी बात को लेकर पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने नमामि गंगे के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी. बावजूद इसके अधिकारियों की सुस्ती व लापरवाही के कारण कार्य गति नहीं पकड़ा.

दरअसल, जिले के ऐतिहासिक महत्व को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उभारने के लिए बक्सर के सभी गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण नमामि गंगे योजना के तहत किया जाना था, इस योजना का शिलान्यास 7 जुलाई 2016 को केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव के द्वारा बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे तथा विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी की उपस्थिति में विधिवत रूप से किया गया था. इस दौरान 6 गंगा घाटों के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव था. जिसके लिए सरकार ने 68 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी थी. कार्य शुरू होने के बाद जहां मंथर गति से चल रहा था वहीं बाद में बताया गया कि, केवल तीन गंगा घाटों पर कार्य किया जाना है. शेष तीन गंगा घाटों का कार्य इस परियोजना से निकाला जा चुका है. ऐसे में लोगों की उम्मीदों पर पानी ही फिरता नजर आ रहा है.

छह घाटों को किया गया था शामिल: 

जिन गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाना था उसमें रामरेखा घाट, रानी घाट, श्मशान घाट, गोलाघाट, जहाज घाट तथा सती घाट पर घाट के निर्माण के साथ ही नाली निर्माण, शौचालय निर्माण, लाइटिंग की व्यवस्था के साथ-साथ श्मशान घाट के शवदाह गृह का भी निर्माण होना था. हालांकि, निर्माण में लगी एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड के द्वारा अब केवल तीन गंगा घाटों (रामरेखा घाट, सती घाट एवं गोला घाट) पर ही निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

जनवरी माह में कही थी दो गंगा घाटों का कार्य पूरा करने की बात, खोखला साबित हुआ दावा: 

शिलान्यास के बाद विभिन्न कारणों से कार्य में हुई देरी के बाद कार्य कुछ बढ़ना शुरू हुआ. जिसके बाद निर्माण कार्य में लगी रांची की एजेंसी उर्मिला आरसीपी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के कर्मी के के पांडेय ने बताया था कि, बाकी बचा काम एक माह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद दो गंगा घाट जनता की सेवा में समर्पित हो जाएंगे. हालांकि, बाद में यह दावा खोखला साबित हुआ.

कहते हैं अधिकारी:

निर्माण का कार्य चल रहा है. हालांकि, कार्य कितना हुआ है इस संदर्भ में जानकारी नहीं है. स्थानीय इंजीनियर ही इस विषय में कुछ बता पाएंगे.

एलपी सिंह,
सीजीएम, नमामि गंगे













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