कहा कि कई जगहों के नोडल अफसर की सूची से नंबर निकाल कर बात करनी चाही लेकिन, वहां के पदाधिकारी का नंबर नहीं लग रहा है जो कि भयावह एवं इस स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।सरकार बिहारी मजदूरों को लाने के लिए अपने स्तर पर व्यवस्था करें अन्यथा आक्रोशित मजदूर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
- चौसा थर्मल पावर मजदूर यूनियन के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम
- यूनियन के महासचिव ने सरकार के समक्ष रखी कई मांगे
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: चौसा थर्मल पावर मजदूर यूनियन बक्सर के बैनर तले यूनियन के महासचिव डॉ मनोज कुमार यादव की अध्यक्षता में बिहारी मजदूरों पर हो रहे अत्याचार,उनके साथ हो रहे मारपीट,फैक्ट्री मालिकों द्वारा नहीं आने देना, काम के बदले खाने के लिए पैसा नहीं देने जैसे आरोपों के खिलाफ शुक्रवार को चौसा यादव मोड़ रविदास मंदिर के पास मौन व्रत रखकर आक्रोश जताया गया. इस दौरान मौजूद लोगों के बीच मनरेगा के प्रोग्राम पदाधिकारी द्वारा उनके हाथों को सेनिटाइज तथा मास्क का वितरण किया गया. साथ ही कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए फ़िजिकल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए यह कार्यक्रम किया गया.
मौन व्रत शुरू होने के पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व जिला पार्षद डॉ मनोज कुमार यादव ने कहा कि बिहारी मजदूरों के साथ तामिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ के अलावे अन्य प्रदेशों में प्रवासी मजदूर अपने राज्य में आने के लिए आतुर हैं फिर भी किसी ना किसी बहाने से वहां के फैक्ट्री मालिक एवं अन्य व्यवसाय करने वाले लोग बिहारी मजदूरों को अपने राज्य आने नहीं दे रहे हैं. साथ ही उनके पास भुखमरी की स्थिति पैदा हो चुकी है तथा वे लोग जिस आवास में रहते हैं उस आवास का किराया देने के लिए भी उनके पास पैसा नहीं है उस स्थिति में मजदूरों के साथ दूसरे राज्यों में क्या हो रहा है इस बात की कोई सूचना एवं खोज खबर मुख्यमंत्री द्वारा नहीं ली जा रही है. साथ ही मजदूरों के खोज खबर की बात को रखने के लिए इन्होंने हर राज्य में नोडल अफसर के रूप में जिन पदाधिकारियों का नाम वेबसाइट पर डाला है अधिकतर लोगों का मोबाइल बंद रहता है या आउट ऑफ़ कवरेज बताता है.
डॉ मनोज ने कहा कि कई जगहों के नोडल अफसर की सूची से नंबर निकाल कर बात करनी चाही लेकिन, वहां के पदाधिकारी का नंबर नहीं लग रहा है जो कि भयावह एवं इस स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।सरकार बिहारी मजदूरों को लाने के लिए अपने स्तर पर व्यवस्था करें अन्यथा आक्रोशित मजदूर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. जिसका खामियाजा बिहार सरकार को भुगतना होगा. डॉ यादव द्वारा केंद्र और राज्य सरकार से मांग की गई कि, बिहारी मजदूरों को तत्काल सुरक्षित वहां से वापस लाया जाए एवं इनकी गणना करके श्रम विभाग द्वारा रजिस्टर्ड किया जाए ताकि देश के किसी भी राज्यों में मजदूर जाएं तो उसका डाटा बिहार सरकार के पास हो. साथ ही मजदूरों के लिए भारत सरकार एक कानून लाये जो मजदूरों के हित में हो और उनके बेहतरी के लिए रोडमैप तैयार किया जाए.
इस कार्यक्रम में लोकतांत्रिक जनता दल के जिलाध्यक्ष रामाशीष कुशवाहा, कैलाश राम,विनोद यादव, बबन राम,नितेश उपाध्याय, मोहम्मद अमज़द,रामेश्वर चौहान, जगदम्बा वैद,ठाकुर कानू, मुख्तार, रामप्रवेश राजभर,संजय यादव, बबन राम,श्यामजी चौरसिया उपस्थित रहे.
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