स्नातक में नामांकन को डेढ़ लाख आवेदन पर सीटें 68 हज़ार ..

विश्वविद्यालय के पास केवल 68 हज़ार सीटें उपलब्ध हैं. ऐसी स्थिति में लगभग 85 हज़ार से 1 लाख छात्र स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षा में नामांकन नहीं ले पाएंगे. उन्होंने बताया कि 23 हज़ार वैसे छात्र भी हैं जिनका नामांकन पिछले सत्र में सीटों की कमी के चलते ही नहीं हो पाया था. ऐसे में छात्रों के समक्ष एक बड़ी समस्या आन पड़ी है. 

- वीकेएसयू के द्वारा स्नातक नामांकन में सीट वृद्धि को लेकर छात्र शक्ति ने शुरु किया अभियान 
- कहा- प्रवेश, पढ़ाई, परीक्षा तथा परिणाम सभी हो गए हैं अनियमित.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्नातक प्रथम वर्ष के नामांकन में डेढ़ लाख से ज्यादा आवेदनों के विरुद्ध वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पास केवल 68 हज़ार सीटें उपलब्ध हैं. ऐसे में कई छात्र वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में नामांकन से वंचित रह जाएंगे. बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष भी हजारों छात्र नामांकन से वंचित रह गए थे. छात्रों की समस्या को लेकर छात्र शक्ति के संयोजक सौरभ तिवारी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया.

उन्होंने इसे शैक्षणिक अराजकता की संज्ञा देते हुए सोमवार को दिन में 12:00 बजे से फेसबुक लाइव के माध्यम से चार जिलों के छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले कई सालों से शैक्षणिक अराजकता कायम कर दी है. प्रवेश, पढ़ाई, परीक्षा तथा परिणाम सभी अनियमित हो गए हैं. उन्होंने बताया कि, स्नातक प्रथम वर्ष के नामांकन के लिए डेढ़ लाख आवेदन आए हैं. वहीं, विश्वविद्यालय के पास केवल 68 हज़ार सीटें उपलब्ध हैं. ऐसी स्थिति में लगभग 85 हज़ार से 1 लाख छात्र स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षा में नामांकन नहीं ले पाएंगे. उन्होंने बताया कि 23 हज़ार वैसे छात्र भी हैं जिनका नामांकन पिछले सत्र में सीटों की कमी के चलते ही नहीं हो पाया था. ऐसे में छात्रों के समक्ष एक बड़ी समस्या आन पड़ी है. 

उन्होंने बताया कि इसी बीच विश्वविद्यालय ने डीके कॉलेज डुमरांव में इतिहास व उर्दू की पढ़ाई बंद कर दी गयी है. पिछले साल 37 महाविद्यालयों की संबद्धता पर भी विश्वविद्यालय के द्वारा रोक लगाते हुए नामांकन बंद करा दिया गया है. ऐसे में उन्होंने स्नातक में 30 फीसद सीट वृद्धि, एमवी कॉलेज बक्सर तथा डीके कॉलेज डुमरांव में सभी विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की मांग की. उन्होंने कहा कि, एमवी कॉलेज में समाजशास्त्र तथा भूगोल की पढ़ाई भी शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, पिछले वर्ष भी कुलपति से इस संदर्भ में खुले मंच से सवाल उठाया गया था. जिस पर उन्होंने अगले सत्र में सीट वृद्धि की बात कही थी लेकिन, अभी भी स्थिति जस की तस है.

छात्र नेता ने कहा कि, विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ डिजिटल तरीके से संघर्ष लगातार जारी रहेगा. सभी छात्र छात्राएं भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जोड़ते हुए संघर्ष में उनका साथ देने के लिए आगे आ रहे हैं. संबोधन के दौरान रोहतास, कैमूर आरा तथा बक्सर के हजारों छात्रों तथा अभिभावकों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया.













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