कल से खुलेंगे न्यायालय, अलग-अलग समयावधि में फिजिकल व वर्चुअल मोड में होगा संचालन..

फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, न्यायालय की गतिविधियां आरंभ होने से अधिवक्ताओं को काफी राहत होगी. इसके साथ ही लंबित पड़े वादों के निष्पादन में भी तेजी आएगी. हालांकि उन्होंने सभी अधिवक्ताओं वादकारियों से अनुरोध किया कि, लॉक डाउन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का अनुपालन वह लगातार करते रहें जिससे कि, संक्रमण के प्रसार को रोकने में सहायता हो.



- सुबह 7:00 बजे से 9:30 बजे तक फिजिकल तथा 10:30 बजे से दिन में 1:00 बजे तक वर्चुअल मोड में चलेंगे न्यायालय
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत 4 न्यायालयों के अतिरिक्त रोटेशन के अनुसार चलेंगे अन्य न्यायालय

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अनलॉक- 1.0 में धीरे धीरे-सभी कार्यों को पटरी पर लाने की कयावद शुरु कर दी गई है. इसी क्रम में पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में बक्सर व्यवहार न्यायालय तथा डुमरांव अनुमंडल न्यायालय को आधा समय फिजिकल तथा आधा समय वर्चुअल मोड में खोलने की का निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि, जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत के साथ-साथ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, समेत अन्य कोर्ट सुबह 7:30 बजे से 9:30 बजे तक फिजिकल मोड में खोले जाएंगे. इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग आदि का अनुपालन करने के साथ-साथ मास्क तथा रुमाल से मुंह ढक कर अधिवक्ता तथा वादकारी न्यायालय परिसर में पहुंचेंगे. तत्पश्चात सुबह 10:30 बजे से दिन में 1:00 बजे तक वर्चुअल को चलाया जाएगा. इसमें कोई भी व्यक्ति सशरीर न्यायालय में उपस्थित नहीं होगा.

उच्च न्यायालय के आदेश में यह भी बताया गया है कि किशोर न्याय परिषद भी सुबह 10:30 बजे से 11:00 बजे तक केवल वर्चुअल मोड में काम करेगा. हाईकोर्ट के ,निर्देश के आलोक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिंद्रनाथ ने बताया कि, उनके न्यायालय के अतिरिक्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम द्वितीय एवं तृतीय के न्यायालय प्रतिदिन निर्धारित अवधि के लिए फिजिकल तथा वर्चुअल मोड में संचालित होंगे. इसके अतिरिक्त अन्य न्यायालय रोटेशन के हिसाब से संचालित होंगे हालांकि, जिस दिन किसी न्यायालय में फिजिकल मोड में काम नहीं होगा उस दिन वर्चुअल मोड में न्यायालय का संचालन होता रहेगा.

जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर ने उच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, न्यायालय की गतिविधियां आरंभ होने से अधिवक्ताओं को काफी राहत होगी. इसके साथ ही लंबित पड़े वादों के निष्पादन में भी तेजी आएगी. हालांकि उन्होंने सभी अधिवक्ताओं वादकारियों से अनुरोध किया कि, लॉक डाउन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का अनुपालन वह लगातार करते रहें जिससे कि, संक्रमण के प्रसार को रोकने में सहायता हो.













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