जिला परिषद कार्यालय के लिपिक की मौत परिजनों ने कार्यालय के समक्ष किया प्रदर्शन ..

परिजनों का आरोप है कि इलाज रद्द होने के दौरान कई बार कार्यालय के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कोई आर्थिक मदद नहीं की बल्कि, यह कहा कि पहले उन्हें आकर ज्वाइन करना होगा तब कोई मदद की जाएगी लेकिन, इलाज के दौरान उन्हें बचाया नहीं जा सका.

- परिजनों ने लगाया आरोप, कहा - नहीं की गई कोई भी आर्थिक मदद
- उप विकास आयुक्त ने कहा आश्रित को की जाएगी मदद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिला परिषद कार्यालय में गुरुवार की सुबह उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया, जब कार्यालय में कार्य करने वाले एक लिपिक की मृत्यु के पश्चात उनके परिजन शव को कार्यालय के समक्ष रखकर प्रदर्शन करने लगे. उनका कहना था कि जिला परिषद के अधिकारियों की लापरवाही के कारण उक्त लिपिक की मौत हो गई है. बीमार होने के बाद उन्हें कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हो सकी जिससे कि उनका बेहतर इलाज नहीं हो सका. ऐसे में प्रशासन को जल्द ही स्वजनों को अनुकंपा पर नौकरी प्रदान करते हुए आश्रितों को आर्थिक संबल प्रदान करे. बाद में जिला परिषद कर्मियों के द्वारा समझा-बुझाकर उन्हें शव का अंतिम संस्कार किए जाने के लिए भेजा गया.

इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक खरहाटांड़ गांव के रहने वाले संतोष ओझा जिला परिषद कार्यालय में लिपिक के तौर पर काम करते थे. काम के दौरान उन्हें पहले भी दो बार ब्रेन स्ट्रोक आया था हालांकि, दोनों बार इलाज के बाद उन्हें बचा लिया गया था. इसी तरह कुछ दिन पहले भी उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया हालांकि, अब की बार इलाज के दौरान उन्हें बचाया नहीं जा सका. परिजनों का आरोप है कि इलाज रद्द होने के दौरान कई बार कार्यालय के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कोई आर्थिक मदद नहीं की बल्कि, यह कहा कि पहले उन्हें आकर ज्वाइन करना होगा तब कोई मदद की जाएगी लेकिन, इलाज के दौरान उन्हें बचाया नहीं जा सका.

इस संदर्भ में पूछे जाने पर उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि मृतक संतोष ओझा नगर परिषद कार्यालय में कर्मी थे हालांकि, उन्होंने छुट्टी के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था. ऐसे में विभागीय नियमों के अनुसार उन्हें ज्वाइन कर छुट्टी का आवेदन देना था हालांकि, उनकी मृत्यु हो जाने के बाद अब विभागीय नियमों के आलोक में उनके आश्रितों को मदद की जाएगी. साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि उनकी मृत्यु के बाद किसे अनुकंपा पर नौकरी दी जा सकती है क्योंकि, उन्होंने शादी नहीं की थी.











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