18 साल पहले शादी करने वाले व्यक्ति के पुत्र को 22 वर्ष का बता पुलिस ने भेजा जेल, न्याय के लिए भटक रहा पिता ..

उन्होंने बताया कि जब उनकी शादी के ही 22 वोट नहीं हुए तो उनके पुत्र की उम्र 22 वर्ष कैसे हो सकती है उन्होंने बताया कि उनकी शादी 2002 में हुई थी उनके पुत्र का जन्म 2006 में हुआ. ऐसे में वह नाबालिग है तथा उसे केंद्रीय कारा में कुख्यात बंदियों के साथ रखा जाना न्यायोचित नहीं है. 

 

- 29 अप्रैल को दसवीं की परीक्षा देकर लौटने के वक्त पुलिस ने किया गिरफ्तार
- आरटीआई कार्यकर्ता होने का खामियाजा भुगत रहा पीड़ित पिता

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  जिले के राजपुर थाना क्षेत्र में एक बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां दसवीं की परीक्षा दे रहे एक 14 वर्षीय छात्र को 22 वर्ष का करार देते हुए पुलिस ने आर्म्स एक्ट के मामले में जेल भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि किशोर तकरीबन 5 महीने से केंद्रीय कारा में कुख्यात कैदियों के बीच रह रहा है. मामले को लेकर किशोर के पिता ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से लेकर एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा तक से मुलाकात की तथा अपनी व्यथा सुनाई. उन्होंने बताया कि जब उनकी शादी के ही 22 वोट नहीं हुए तो उनके पुत्र की उम्र 22 वर्ष कैसे हो सकती है उन्होंने बताया कि उनकी शादी 2002 में हुई थी उनके पुत्र का जन्म 2006 में हुआ. ऐसे में वह नाबालिग है तथा उसे केंद्रीय कारा में कुख्यात बंदियों के साथ रखा जाना न्यायोचित नहीं है. जिसके बाद अब एसपी ने मामले की जांच किए जाने की बात कही है. 

पीड़ित का कहना है कि इसी वर्ष 29 फरवरी की वशाम तकरीबन 5:30 बजे उनका पुत्र उत्तर प्रदेश के दिलदार नगर से दसवीं की परीक्षा देकर अपने दो साथियों के साथ लौट रहा था. इसी बीच राजपुर थाने की पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उसके पास एक पिस्तौल तथा उसके साथियों के पास गोलियां होने की बात कहते हुए उसे हिरासत में लेकर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया तथा फिर उसे केंद्रीय कारा में भेज दिया. उन्होंने बताया कि उनके पुत्र का जन्म वर्ष 2006 में हुआ था इस प्रकार उनका पुत्र किशोर उम्र का है. उसने गिरफ्तारी के वक्त अपना एडमिट कार्ड भी पुलिस को दिखाया था लेकिन, थानाध्यक्ष ने उस एडमिट कार्ड को फाड़ कर फेंक दिया तथा एफआइआर में उसकी उम्र  22 वर्ष दिखा दी. और उसे जेल भेज दिया.

भ्रष्टाचार उजागर करने की मिल रही सजा:

किशोर के पिता का कहना है कि वह एक आरटीआई कार्यकर्ता हैं तथा और उन्होंने पैक्स से लेकर कई विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा किया है. इसी कारण उन्हें इसका खामियाज़ा भुगतना  पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उसे साफ तौर पर कहा था कि वह आरटीआई के द्वारा भ्रष्टाचार की पोल खोलना बंद कर दें तो पुत्र की रिहाई कर दी जाएगी. हालांकि, वह झुकने को तैयार नहीं हुए और नतीजा यह है कि उनका 14 वर्षीय पुत्र तकरीबन 5 महीने से जेल की सलाखों के पीछे बंद है. लॉक डाउन हो जाने की वजह से न्यायालय आदि में भी उनकी सुनवाई ना हो सकी तो उन्होंने  डीजीपी से गुहार लगाई. जिसके बाद डीजीपी ने एसपी को मामले की जांच करने को कहा है.

इस संदर्भ में कांग्रेस नेता हरिशंकर त्रिवेदी ने कहा है कि पुलिस का यह रवैया साबित करता है कि, सूबे में सुशासन की सरकार में किस प्रकार अधिकारी बेलगाम हो गए हैं. उन्होंने एसपी से अनुरोध किया कि वह मामले में सच्चाई को उजागर करें. उन्होंने कहा कि इस मामले का खुलासा होने के बाद अगर दोषियों को सजा मिलती है तो यह सभी के लिए एक उदाहरण होगा तथा कभी भी कोई किसी को गलत ढंग से फंसा कर उसका भविष्य खराब नहीं कर सकेगा.

मामले में एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि किशोर के पिता ने उससे मुलाकात की थी तथा सारी बात बताई. ऐसे में उन्हीने इसके लिए एसडीपीओ सतीश कुमार को मामले की जांच करने का जिम्मा दिया है, जिससे यह ज्ञात हो सके की यह भूल कहां से हुई है.



















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