चांदनी नृशंस हत्याकांड में न्यायपीठ ने लिया स्वतः संज्ञान ..

उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार एक व्यक्ति द्वारा अपने पत्नी की हत्या कर दी गई तथा उसके शव का अंतिम संस्कार भी करने के लिए कोई नहीं आगे आया. ऐसे में उसकी 13 वर्षीय बच्ची के परवरिश को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.

 

 

- समिति के सदस्यों ने थानाध्यक्ष को लिखा पत्र, कहा- नहीं हो बाल अधिकारों का हनन 
- बच्ची के 18 वर्ष पूरे होने तक भरण-पोषण,आवासन तथा शिक्षण की होगी व्यवस्था

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: ब्रह्मपुर में पति के द्वारा सरेआम पत्नी की हत्या किए जाने के बाद 2 दिनों तक उसका अंतिम संस्कार करने के लिए किसी के न पहुंचने पर बाल कल्याण समिति ने संज्ञान लिया है. मामले को लेकर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह, सदस्य डॉ. शशांक शेखर तथा नवीन कुमार ने थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर मृतका की पुत्री को संरक्षण प्रदान किए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार एक व्यक्ति द्वारा अपने पत्नी की हत्या कर दी गई तथा उसके शव का अंतिम संस्कार भी करने के लिए कोई नहीं आगे आया. ऐसे में उसकी 13 वर्षीय बच्ची के परवरिश को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. जिस पर संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति ने बच्चे के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित किए जाने को लेकर थानाध्यक्ष को पत्र लिखा है.
 
इस संदर्भ में डॉ. शशांक शेखर ने कहा कि बाल कल्याण समिति बच्चों के हितार्थ कार्य करती है तथा समिति का मुख्य उद्देश्य यही है कि, बच्चों के अधिकारों का हनन ना हो. जिस प्रकार से ब्रह्मपुर में पति द्वारा अपनी पत्नी के नृशंस हत्या कर दी गई तथा उसके बाद उसके परिजनों द्वारा उसके शव का अंतिम संस्कार तक नहीं किया गया. ऐसे में यह कैसे संभव है की उसी महिला के द्वारा जन्मी बच्ची का उचित संरक्षण परिजनों द्वारा दिया जाएगा? ऐसे में बाल कल्याण समिति ने थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर बच्चे को बाल संरक्षण इकाई के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही है ताकि उसके 18 वर्ष के होने तक भरण-पोषण तथा पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था की जा सके.



















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