बड़ी ख़बर: डीडीसी कार्यालय के प्रधान लिपिक को निगरानी ने घूस लेते दबोचा, लिपिक ने कहा डीडीसी के कहने पर मांग रहा था पैसा ..

मीडिया पहुंची तो लिपिक ने यह कहना शुरू किया कि यह पैसे उसने डीडीसी को देने के लिए मांगे थे. दरअसल, डीडीसी अरविंद कुमार का तबादला हो गया है तथा वह यहां से जाने वाले हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि डीडीसी के स्थानांतरण की बात कह कर धमेंद्र द्वारा जल्द से जल्द रुपये देने की बात कही गई थी.


- नेहरू नगर आवास से निगरानी ने रंगे हाथ दबोचा
- पूर्व में भी सामने आई थी मनरेगा में घूसखोरी की बातें

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पटना से आई निगरानी विभाग की टीम ने बुधवार की शाम नगर के नेहरू नगर मुहल्ला स्थित आवास  से 50 हजार रुपये घूस लेते डीडीसी कार्यालय के प्रधान लिपिक धर्मेन्द्र कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. पकड़ा गया लेखा पदधिकारी पटना गर्दनीबाग का निवासी है. निगरानी टीम उसे लेकर पटना के लिए रवाना हो गई है. गुरुवार को निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा. 

बताया जा रहा कि भोजपुर जिले के गजराजगंज ओपी के छोटकी सासाराम निवासी संवेदक मनोरंजन सिंह ने बक्सर के सिकरिया में मनरेगा योजना के तहत काम कराया था. राशि भुगतान के एवज में एक लाख रुपये की डिमांड की जा रही थी. जिसे लेकर संवेदक ने दस अगस्त को ही निगरानी कार्यालय, पटना में शिकायत दर्ज कराई थी. 13अगस्त को निगरानी टीम ने रेकी कर शिकायत की जांच की थी. आरोप सही पाया गया था. इस दौरान पटना के निगरानी डीएसपी संजय चतुर्वेदी के नेतृत्व में एक टीम बुधवार की शाम बक्सर पहुंची. इस दौरान बक्सर के नेहरू नगर आवास से टीम ने पचास हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ लेखा पदाधिकारी को धर दबोचा गया.

लिपिक ने कहा डीडीसी ने मांगी थी घूस की राशि:

बताया जा रहा है कि लिपिक को जब गिरफ्तार किया गया और इसकी सूचना पर मीडिया पहुंची तो लिपिक ने यह कहना शुरू किया कि यह पैसे उसने डीडीसी को देने के लिए मांगे थे. दरअसल, डीडीसी अरविंद कुमार का तबादला हो गया है तथा वह यहां से जाने वाले हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि डीडीसी के स्थानांतरण की बात कह कर धमेंद्र द्वारा जल्द से जल्द रुपये देने की बात कही गई थी.

पहले भी सामने आई थी घूसखोरी की बातें:

पाठकों को बता दें कि, मनरेगा में कार्यरत कर्मियों ने पूर्व में भी घूस मांगे जाने के आरोप लगाए थे. जिसको लेकर बक्सर टॉप न्यूज़ ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. बाद में डीडीसी अरविंद कुमार ने मामले की जांच कराए जाने की बात कही लेकिन, मामला ठंडे बस्ते में चला गया था.














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