अभिभावकों के आक्रोश का मुख्य वजह उन शुल्क को देखकर है जिसका लाभ उनका बच्चा उठाया ही नहीं उनमें लाइब्रेरी चार्ज, कंप्यूटर चार्ज, मिसलेनियस चार्ज, एनुअल चार्ज, एग्जामिनेशन चार्ज आदि है. मतलब यह कि कोरोना संक्रमण के दौर में डीएवी स्कूल प्रबंधन ने स्कूल फीस में छात्र एवं अभिभावकों को कोई राहत नहीं दी है.
प्राचार्य से बात करने पहुंचे अभिभावक |
- अविभावकों ने विद्यालय प्रबंधन पर लगाया शोषण का आरोप
- कहा, रजिस्ट्रेशन के बहाने अविभावकों का किया जा रहा है भयादोहन
- कम्प्यूटर और लाइब्रेरी जैसे चार्ज देख भड़के अविभावक
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गुरुवार को डुमराँव डीएवी स्कूल पर स्कूल फीस को लेकर अविभावकों ने जमकर हंगामा किया. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल द्वारा रजिस्ट्रेशन के नाम पर शोषण किया जा रहा है जो सुविधाएं बच्चों को मुहैया नहीं कराई गई है उसका फीस भी स्कूल द्वारा जबरदस्ती वसूला जा रहा है. उधर लॉकडाउन में स्थिति भुखमरी जैसी हो गई है ऐसे में क्या कोई पत्नी के गहने आदि बेचकर बच्चों की फीस भरे? अन्य निजी विद्यालयों का स्कूल फीस में दिए गए भारी छूट का हवाला देते हुए अभिभावक इसमें छूट की मांग कर रहे थे लेकिन, विद्यालय के प्राचार्य ने इसे ऊपर का आदेश बताते हुए किसी प्रकार का शुल्क माफी और छूट देने से इनकार कर दिया. बताया जा रहा है कि यह समस्या सबसे अधिक वर्ग 8, 9 और 10 के छात्र तथा अभिभावकों के साथ आई है. क्योंकि वर्ग 8, 9 और 10 के छात्रों का सीबीएसई बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराना है. विद्यालय द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित सूची 30 अगस्त घोषित किया गया है. जैसे-जैसे यह तिथि करीब आती जा रही है अभिभावकों की भीड़ स्वतः स्कूल पर जुट रही है जो अभिभावक कल तक ढूंढे नहीं मिल रहे थे वह स्वयं विद्यालय पर उपस्थित हो रहे हैं इसका भरपूर लाभ उठाने की तैयारी में विद्यालय प्रबंधन है विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि रजिस्ट्रेशन से पहले छात्र का अगले क्लास के लिए री- एडमिशन तथा अप्रैल से अब तक स्कूल फीस जमा करना होगा तब ही रजिस्ट्रेशन फॉर्म मुहैया कराया जाएगा.
स्कूल के गेट पर प्रदर्शन करते अभिभावक |
बिना सेवा के सुविधा के शुल्क की डिमांड पर भड़के अभिभावक :
डीएवी स्कूल के खिलाफ अभिभावकों के आक्रोश का मुख्य वजह उन शुल्क को देखकर है जिसका लाभ उनका बच्चा उठाया ही नहीं उनमें लाइब्रेरी चार्ज, कंप्यूटर चार्ज, मिसलेनियस चार्ज, एनुअल चार्ज, एग्जामिनेशन चार्ज आदि है. मतलब यह कि कोरोना संक्रमण के दौर में डीएवी स्कूल प्रबंधन ने स्कूल फीस में छात्र एवं अभिभावकों को कोई राहत नहीं दी है. जबकि, डुमराँव और बक्सर के कई अन्य निजी विद्यालय कोरोना वायरस संक्रमण अवधि में फीस में कई तरह की छूट और कटौती करके अपने यहां पढ़ने वाले छात्र और अभिभावकों को खुश किया है.
डीएम से गुहार लगाएंगे अभिभावक :
आक्रोशित अभिभावकों ने डीएवी विद्यालय के प्राचार्य घनश्याम सहाय के समक्ष अपनी बात रखी. वार्ड पार्षद सोनू राय के नेतृत्व में दो दर्जन अभिभावकों ने पूरा फीस वसूली पर नाराजगी जताई तथा देने से इंकार किया. हालांकि प्राचार्य घनश्याम सहाय ने इस मामले में अपनी की विवशता से अभिभावकों को अवगत कराते हुए इसे ऊपर से प्राप्त आदेश बताया उन्होंने कहा कि डीएवी बक्सर के प्राचार्य डुमराँव स्कूल के रीजनल डायरेक्टर है. उनके द्वारा अगर कोई निर्णय लिया जाता है तो वह मान्य होगा इस पर वार्ड पार्षद सोनू राय ने पूरे मामले की लिखित जानकारी डीएम बक्सर तथा डीएवी के रीजनल डायरेक्टर को देने की बात कही ताकि, इसका ठोस निदान निकल सके.
कहते है प्राचार्य:
डीएवी विद्यालय प्रबंधन द्वारा जारी निर्देशों के तहत फीस वसूली किया जा रहा है हमें भी शिक्षकों का वेतन बिजली शुल्क वाहन का किस और तमाम तरह की खर्च करना पड़ रहा है अन्य विद्यालयों की तरह हम निर्णय लेने को स्वतंत्र नहीं है. अभिभावकों की नाराजगी से ऊपर के अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा तब ही कोई ठोस निर्णय निकलेगा.
घनश्याम सहाय,
प्राचार्य, डीएवी स्कूल डुमराँव
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