46 हज़ार लोगों की आबादी को मिलने लगा भूगर्भ से निकला अमृत ..

उम्मीद है कि सितंबर की 10 तारीख तक दूसरे फेज़ के अंतर्गत आने वाले मोहल्लों में लोगों के घरों तक डायरेक्ट वॉटर सप्लाई शुरु कर दी जाएगी. प्रथम फेज़ का उद्घाटन हो जाने के बाद शहर की एक बड़ी आबादी को भूगर्भ से अमृत समान जल मिलने लगा है.

 

- 15 वार्डों में पूरा हो गया शहरी जलापूर्ति योजना के प्रथम पेज का काम
-10 सितंबर तक द्वितीय फेज़ की वाटर सप्लाई शुरू होने के आसार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अमृत योजना के अंतर्गत शहरी जलापूर्ति योजना फेज वन से शहर में एक बड़े हिस्से में जलापूर्ति शुरू कर दी गयी है. आर्सेनिक रहित शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए 540 फीट जमीन में नीचे बोरिंग की गई है. वहीं,  नगर में तीन विशाल जल मीनारों का निर्माण किया गया है. बताया जा रहा है कि प्रथम फेज़ के अंतर्गत आने वाले घरों में वॉटर सप्लाई शुरु कर दी गयी है. उम्मीद है कि सितंबर की 10 तारीख तक दूसरे फेज़ के अंतर्गत आने वाले मोहल्लों में लोगों के घरों तक डायरेक्ट वॉटर सप्लाई शुरु कर दी जाएगी. प्रथम फेज़ का उद्घाटन हो जाने के बाद शहर की एक बड़ी आबादी को भूगर्भ से अमृत समान जल मिलने लगा है.

बिहार राज्य जल परिषद एवं नगर विकास विभाग के द्वारा प्रथम फेज़ में नगर के तीन स्थानों पर जल मीनार एवं 5 उच्च प्रवाही नलकूप लगाए गए हैं तथा मोटर लगाकर लगभग 46,428 लोगों की जनसंख्या तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना है. यह काम पटना की अनुभवी एजेंसी गणाधिपति कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है. जिन स्थानों पर सड़क को काटना संभव नहीं है. वहां के लिए दिल्ली से विशेषज्ञ टीम बुला कर मशीन के द्वारा अंडरग्राउंड टनल बनाकर पाइप को कनेक्ट करते हुए जलापूर्ति को सुनिश्चित किया गया है. बताया जा रहा है कि इस महत्वाकांक्षी योजना से गंगा के किनारे बसे लोगों को आर्सेनिक का जहर पीने से मुक्ति मिलेगी.

3 जोन में बांटे गए वार्ड 

32.23 करोड़ की योजना के पहले फेज के कार्य को 3 जोनों में बांटा गया है. पहले जोन में वार्ड संख्या 1, 2, 3 और 5 हैं. जिसके लिए आईटीआई के पास विशाल जल मीनार बना है. जल मीनार की ऊंचाई 21 मीटर है तथा इसमें 1022 किलो लीटर जल संग्रह करने की क्षमता है. जल को दोहरा शुद्ध करने के लिए दो उच्च गुणवत्ता युक्त क्लोरिनेटर लगाए गए हैं. यहां पर उच्च प्रवाही दो नलकूप लगाए जा रहे हैं. वहीं, उच्च गुणवत्ता युक्त वीटी पंप और मोटर के द्वारा 55 लीटर प्रति सेकंड के हिसाब से पानी भूगर्भ से निकाल कर जल मीनार में संग्रह किया जाएगा. नियमित एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए सौ केवीए के दो ट्रांसफार्मर यहां तथा अन्य जगहों पर भी लगाए जा रहे हैं. इसी तरह वार्ड संख्या 4, 6, 7, 8 एवं 9 की आबादी को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए बाजार समिति में तथा तीसरे जोन में आने वाले वार्ड 12, 13, 14, 25, 26 एवं 27 के लिए किला मैदान के समीप 908 किलोलीटर क्षमता का जल मीनार बनाया जा चुका है. बाकी वार्डों को फेज टू में कवर किया जाएगा. फेज़-2 के अंतर्गत आने वाले वार्डों को सप्लाई देने के लिए ओवरहेड टैंक का निर्माण नहीं हो सका है. इसलिए, अब डायरेक्ट वॉटर सप्लाई लोगों के घरों तक देने की योजना बनाई गई है.

आर्सेनिक के जहर से मिलेगी मुक्ति

बताया जा रहा है कि वॉटर सप्लाई के लिए पानी 540 फीट गहराई से लिया जाएगा जो कि आर्सेनिक से मुक्त होगा. ऐसे में गंगा तटीय इलाके में रहने वाली एक बड़ी आबादी को आर्सेनिक के जहर से मुक्ति मिलेगी. यही नहीं जल को डबल फिल्टर्ड करने की भी बात कही जा रही है. जिसके बाद लोगों के घरों तक शुद्ध तथा अमृत समान पेयजल उपलब्ध होगा. साइट इंजीनियर विपरेंद्र कुमार ने बताया कि फेज़ टू के लिए भी तेजी से हाउस कनेक्शन दिए जा रहे हैं, ताकि शीघ्रता से वॉटर सप्लाई शुरु की जा सके. उम्मीद है कि आगामी 10 सितंबर तक फेज टू में आच्छादित मोहल्लों में भी वॉटर सप्लाई शुरू कर दी जाएगी.













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