भ्रष्टाचार: एफसीआई से एसएएफसी आने में हर माह गायब हो जा रहा 500 क्विंटल खाद्यान्न ..

सूत्रों की माने तो भारतीय खाद्य निगम के धर्मकांटे के वजन तथा बाहर किसी निजी धर्मकांटे पर वजन कराने पर अंतर साफ देखने को मिल रहा है हालांकि, यह गड़बड़ी इतनी सफाई से की जा रही है कि इसकी वास्तविक गड़बड़ी पकड़ में नहीं आ रही.
एफसीआई का गोदाम


 

 - एसएफसी के जिला महाप्रबंधक ने कहा, हर माह सैकड़ों क्विंटल खाद्यान्न के वज़न में आ रहा अंतर
- बताया, जांच के बाद भी नहीं पकड़ में आई गड़बड़ी, अब तकनीकी एक्सपर्ट करेंगे जाँच

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है यह घोटाला खाद्यान्न से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से राज्य खाद्य निगम के गोदाम तक आने में हर वाहन पर लदे खाद्यान्न के वजन में काफी कमी आ जा रही है. भारतीय खाद्य निगम से निकल कर एसएफसी पहुंचने वाले ट्रकों की हर खेप में 75 किलो से 1 क्विंटल खाद्यान्न कम हो जा रहा है. वहीं इसी प्रकार से हर माह 500 क्विंटल से ज्यादा का अनाज घाटा एसएफसी को हो रहा है. इसके लिए एसएफसी के जिलाप्रबंधक के द्वारा जांच कमेटी का गठन किए जाने के बाद मामले की जाँच भी करायी गयी लेकिन जांच में कुछ भी पकड़ में नहीं आया. सूत्रों की माने तो भारतीय खाद्य निगम के धर्मकांटे के वजन तथा बाहर किसी निजी धर्मकांटे पर वजन कराने पर अंतर साफ देखने को मिल रहा है हालांकि, यह गड़बड़ी इतनी सफाई से की जा रही है कि इसकी वास्तविक गड़बड़ी पकड़ में नहीं आ रही.

टेक्निकल एक्पर्ट टीम करेगी जांच: 

बताया जा रहा है कि भारतीय खाद्य निगम के धर्म कांटे में टेक्निकल रूप से कुछ छेड़छाड़ की बात भी कही जा रही है. ऐसे में टेक्निकल एक्सपर्ट टीम से मामले की जांच कराई जा सकती है. एसएफसी के जिला प्रबंधक ने कहा कि हर माह डीलरों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में माप तौल विभाग की एक्सपर्ट सीन इसकी जांच करेगी.

अनुमंडल पदाधिकारी से भी की गई है शिकायत:

एसएफसी के जिला महाप्रबंधक ने बताया कि हर माह वजन में काफी अंतर आने की बात को लेकर जहाँ इसकी जाँच करायी गयी है वहीं, इस संदर्भ में अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय से भी शिकायत की गई है. उन्होंने भी मामले की जांच कराने की बात कही है.

कहते हैं अधिकारी:

एफसीआई गोदाम से एसएफसी गोदाम आने में भारी मात्रा में वजन में कमी की शिकायत आ रही है. ऐसे में पूर्व में मामले की जांच कराई गई थी लेकिन, अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. एक बार फिर मामले की जांच टेक्निकल एक्सपर्ट टीम से कराई जाएगी.

बी. के. प्रभाकर 
प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम, बक्सर














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