सॉफ्ट टारगेट बन रहे अधिवक्ता, सीसीटीवी फुटेज में आराम से निकलते दिखे अपराधी ..

आमतौर पर जिला मुख्यालय के बेहद नजदीक हुई इस घटना के बाद अपराधियों में तुरंत भाग निकलने की जल्दीबाजी होनी चाहिए लेकिन, अपराधी इतने बेखौफ हो चुके हैं कि घटना को अंजाम देने के बाद आराम से बाइक चलाकर गलियों के रास्ते  सीसी कैमरे में नज़र आए. 


- हाल के वर्षों में जिला मुख्यालय के समीप हुई है तीन अधिवक्ताओं की हत्या
- गलियों के रास्ते सिकरौल लख जाने वाले मार्ग पर निकले बाइक सवार अपराधी
- अधिवक्ता संघ ने की मांग एसडीपीओ ने दिया जल्द उद्भेदन का भरोसा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अधिवक्ता कुमार किशोर कुणाल की हत्या के बाद एक बात तो स्पष्ट हो चुकी है है कि, अधिवक्ता अपराधियों का सॉफ्ट टारगेट बन रहे हैं. 27 नवंबर 2015 को बेटी के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर अपराधियों ने अधिवक्ता प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी, बाद में उनकी वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. दूसरी वारदात 21 अगस्त 2019 को हुई थी जब न्यायालय का कामकाज निपटा कर घर लौट रहे अधिवक्ता चितरंजन कुमार सिंह को अज्ञात अपराधियों ने न्यायालय के द्वार के समीप ही गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया था. उस घटना के 1 साल बीतने के पश्चात 21 सितंबर 2020 एक बार फिर एक अधिवक्ता की मौत का गवाह बना जब अपराधियों ने युवा अधिवक्ता को नजदीक से गोली मार दी और आराम से भाग निकले. 


आमतौर पर जिला मुख्यालय के बेहद नजदीक हुई इस घटना के बाद अपराधियों में तुरंत भाग निकलने की जल्दीबाजी होनी चाहिए लेकिन, अपराधी इतने बेखौफ हो चुके हैं कि घटना को अंजाम देने के बाद आराम से बाइक चलाकर गलियों के रास्ते  सीसी कैमरे में नज़र आए. फुटेज को देखने के बाद यह स्पष्ट हो रहा है कि अपराधी किस प्रकार गलियों के रास्ते की 11 नंबर लख तरफ भाग निकले. इस दौरान बाइक की गति इतनी धीमी थी जिससे किसी को भी यह नहीं प्रतीत हो रहा है कि वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम को देकर भाग रहे हैं. 

घटना पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं अधिवक्ता को जानने वाले: 

स्वभाव के बेहद सरल और हंसमुख अधिवक्ता के जानने वाले लोगों को इस घटना पर सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा. उनका कहना है कि अधिवक्ता की किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं हो सकती. लोगों का कहना है कि बेखौफ अपराधियों का तांडव इतना बढ़ गया है कि अब तो दिन में भी घर से बाहर निकलने पर डर लगता है. अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर ने प्रशासन से यह मांग की है कि वह त्वरित कार्यवाही करते हुए अपराधियों का पता लगाने की कोशिश करें. उधर एसडीपीओ गोरख राम का कहना है कि घटना के कारणों क्या अभी तक कोई अस्पष्ट आधार नहीं मिल रहा अधिवक्ता भूमि खरीद-बिक्री के कार्य से जुड़े हुए थे. लेकिन, घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वह अपराधियों की पहचान करने में जुटे हुए हैं. बहरहाल, अब देखना यह होगा कि अपराधी कब तक पुलिस की पकड़ में आते हैं अथवा अन्य घटनाओं की तरह इस घटना की भी फाइल बंद कर दी जाती है.
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