वीडियो: एचआइवी पॉजिटिव गर्भवती को सदर अस्पताल से भगाया, निजी अस्पताल ने दिया सहारा ..

निजी अस्पताल में पहुंचकर प्रसव कराया गया. जहां अब जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. लेकिन, अस्पताल की इस कार्यशैली से महिला के परिजनों को काफी दुख पहुंचा है. तथा उन्होंने राज्य स्वास्थ्य समिति को मामले से अवगत कराया है. हालांकि, इस गंभीर मामले में एक बार फिर सिविल सर्जन जाँच कराने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ते नज़र आ रहे हैं.


- सामने आई सदर अस्पताल की बड़ी लापरवाही, सीएस ने कही जांच की बात
- इटाढ़ी थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला का निजी अस्पताल में हुआ प्रसव, जच्चा-बच्चा सुरक्षित

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर अस्पताल की कुव्यवस्थाओं की फेहरिस्त काफी लंबी है. अब तो ऐसा लगता है कि कर्मी तथा चिकित्सक यह ठान चुके हैं कि, "हम नहीं सुधरेंगे." हाल ही में जहाँ ऑक्सीजन सिलेंडर कंधे पर लेकर घूमते बीमार बच्चे के परिजनों तथा पीएमसीएच रेफर महिला का अस्पताल के फर्श पर ही प्रसव हो जाने जैसी घटनाएं सामने आई है बावजूद इसके स्थिति अभी भी जस की तस है.  ताजा मामले में इटाढ़ी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला के परिजनों ने सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज से इनकार किए जाने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया है कि अस्पताल के चिकित्सकों ने उनका इलाज करने के बजाए उन्हें गंभीर हालत में उन्हें अन्यत्र रेफर कर दिया. इस दौरान किसी प्रकार निजी अस्पताल में पहुंचकर प्रसव कराया गया. जहां अब जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. लेकिन, अस्पताल की इस कार्यशैली से महिला के परिजनों को काफी दुख पहुंचा है. तथा उन्होंने राज्य स्वास्थ्य समिति को मामले से अवगत कराया है. हालांकि, इस गंभीर मामले में एक बार फिर सिविल सर्जन जाँच कराने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ते नज़र आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि इटाढ़ी थाना क्षेत्र के एक गाँव की रहने वाली गर्भवती महिला के परिजन प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. जहां सदर अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा यह कहते हुए सदर अस्पताल से उक्त महिला को रेफर कर दिया गया कि, बच्चे की धड़कन धीमी चल रही है. मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया कि, यह केवल एक बहाना था दरअसल, एचआईवी पॉजिटिव होने की वजह से चिकित्सक इलाज करने में आनाकानी करने लगे और उन्हें अन्यत्र रेफर कर दिया गया.

निजी अस्पताल की चिकित्सा डॉ. नीलिमा ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव मरीज का इलाज कई तरह के एहतियात के साथ किया जाता है. ब्लड और म्यूकस से ही संक्रमण फैल सकता है. ऐसे में इलाज के दौरान टैली किट पहनकर इलाज करने के उपरांत उपयोग में लाए गए उपकरणों को जला दिया जाता है. उन्होंने बताया कि, गर्भवती महिला जब उनके यहां पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि, वह एचआईवी पॉजिटिव है तथा उसे सदर अस्पताल से रेफर किया गया है. लेकिन, उन्होंने महिला का प्रसव अपने यहां कराया तथा अब जच्चा तथा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ के मुताबिक उनके यहां एचआईवी पॉजिटिव मरीजों का इलाज पहले भी किया गया है. हालांकि, महिला को क्यों रेफर किया गया इसकी वह जांच कराएंगे और मामले में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी.
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