संक्रमण को मात देकर लोगों को जागरूक कर रहे सन्तोष ..

आसपास व पड़ोस में रहने वालों को चाहिए कि वह सभी कोरोना योद्धाओं का दिल से स्वागत करें. उनका हालचाल जानें व उनसे घुल मिलकर रहे. ताकि, संक्रमण के कारण जो मानसिक दबाव व चिंता वह झेल रहे हो उससे उबर सकें. दूसरी ओर, सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से ऐसी भी खबरें भी मिली हैं, जहां कोरोना को मात देने वालों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया है.

 

- संक्रमण से ठीक होते ही काम पर लौटे और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन में जुट गए डीसीएम संतोष
- लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करने का दे रहे हैं सन्देश

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले में जहां कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार की गति धीमी हुई है, वहीं इससे ठीक हो रहे लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. लेकिन, अभी भी लोगों के बीच कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं. समाज के मुख्यधारा के लोग अफवाहों व भ्रांतियों पर ध्यान देकर उपचाराधीन मरीजों व कोरोना योद्धाओं से सामाजिक व मानसिक दूरी बना रहे हैं. जो समाज के लिए ठीक नहीं है. उल्लेखनीय है कि जिला सामुदायिक उत्प्रेरक सह जिला डाटा सहायक, संतोष कुमार राय भी दो सप्ताह पूर्व कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आये थे. लेकिन, स्वास्थ होने के बाद वह वापस काम में लग गए हैं. साथ ही, अब वह कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं. ताकि, लोग स्वयं को कोरोना के संक्रमण से बचा सके.

संक्रमित होने के बाद खुद को आइसोलेट कर किया नियमों का पालन : 

संतोष कुमार राय ने बताया रिपोर्ट पॉजिटिव आने का बाद उन्होंने स्वयं को होम आइसोलेट कर लिया. इस दौरान नियमों का पालन व नियमित दवाओं का सेवन किया. वहीं, कोरोना को हराने की उनकी ज़िद ने समय से ठीक होने में मदद की. अब संतोष अपने काम पर लौट गए हैं और सरकार के निर्देश पर आयोजित राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यकय व सघन दस्त नियंत्रण अभियान को पूरा करने में लगे हुए हैं. कोरोना संक्रमण के संबंध में उन्होंने कहा, किसी को भी और कभी भी हो सकता है, इसमें उनका कोई ऐसा दोष नहीं है. जिसके लिए उनके साथ सामाजिक भेदभाव किया जाना ठीक नहीं है. कोरोना योद्धा व उनके परिजन भी हमारे समाज का हिस्सा हैं. इन विषम परिस्थितियों में जब कोई कोरोना संक्रमण के कारण तनाव व चिंता में हो तो उनका मानसिक रूप से हौसलाअफजाई करना सभी का नैतिक कर्तव्य है.

कोरोना को मात देने वालों की बने हिम्मत :

सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने कहा कोरोना को मात देने के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके लोगों को सम्मान व सहयोग की आवश्यकता है. समाज के लोगों को चाहिए कि वह सभी कोरोना योद्धाओं की हिम्मत बने. ताकि, वह भी खुद को समाज की मुख्य धारा से जोड़ सके. आसपास व पड़ोस में रहने वालों को चाहिए कि वह सभी कोरोना योद्धाओं का दिल से स्वागत करें. उनका हालचाल जानें व उनसे घुल मिलकर रहे. ताकि, संक्रमण के कारण जो मानसिक दबाव व चिंता वह झेल रहे हो उससे उबर सकें. दूसरी ओर, सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से ऐसी भी खबरें भी मिली हैं, जहां कोरोना को मात देने वालों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया है. ऐसा कर कोरोना योद्धाओं को मानसिक रूप से संबल प्रदान किया गया. जिससे वह खुद को अलग महसूस न करें.

मरीजों की सेवा में लगे योद्धाओं का करें सम्मान :

सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने जिलेवासियों से अपील की है कि वह कोरोना काल में अपने व अपने घर-परिवार की चिंता छोड़कर दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों की हौसला अफजाई करें. साथ ही, उनका दिल से शुक्रिया अदा करना चाहिए. लोगों को इस पर विचार करना चाहिए कि जब चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल, एएनएम और आशा कार्यकर्ता लोगों की जिंदगी को बचाने के कर्तव्य को निभाने में जुटे हैं तो ऐसे में लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. उन्होंने बताया लोगों को यह भी जानना होगा कि कोरोना से जंग जीतने वाले व्यक्ति से वायरस नहीं फैलता है. संक्रमण को मात देने वाले व्यक्ति के साथ बातचीत करना पूरी तरह से सुरक्षित है. नियमित दिनचर्या शुरू करने के साथ कोरोना योद्धाओं को भी कोविड-19 से बचाव के नियमों का सख्ती के साथ पालन करना होगा.













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