भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायक सरयू राय ने किया मुन्ना तिवारी का समर्थन ..

ऐसे में उन लोगों का अनुरोध उनके लिए आदेश की तरह है इतना ही नहीं उनके कई घनिष्ठ मित्रों ने भी इस तरह की बात कही है, जिसके कारण वह समर्थन पत्र जारी करते हुए उन्हें खुला समर्थन करते हैं और ईश्वर से उनकी विजय की कामना करते हैं.


-  पत्र लिखकर कही समर्थन की बात 
- कई घोटालों के पर्दाफाश में शामिल रहे हैं सरयू राय

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: बिहार-झारखंड की राजनीति के कद्दावर नेता तथा आर. एस. एस. और भाजपा के विभिन्न बड़े पदों को सुशोभित कर चुके सरयू राय ने सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी को अपना नैतिक समर्थन दिया है उन्होंने कहा है कि, शाहबाद क्षेत्र में चुनावी दौरे के दौरान कई लोगों ने उनसे कहा था कि वह दलीय सीमा से ऊपर उठकर बक्सर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान चुनाव में उनका समर्थन करें उन्होंने कहा कि, ऐसा कहने वाले वही लोग थे जिन्होंने झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े होने पर उन्हें जीत दिलाने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऐसे में उन लोगों का अनुरोध उनके लिए आदेश की तरह है इतना ही नहीं उनके कई घनिष्ठ मित्रों ने भी इस तरह की बात कही है, जिसके कारण वह समर्थन पत्र जारी करते हुए उन्हें खुला समर्थन करते हैं और ईश्वर से उनकी विजय की कामना करते हैं.

बता दें कि, 2014 के चुनावों के बाद पूर्ण बहुमत में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री बने रघुवर दास एवं केबिनेट मंत्री बने सरयू राय। रघुवर दास सरकार में शामिल मंत्री सरयू राय ने 1994 में सबसे पहले पशुपालन घोटाले का भंडाफोड़ किया था. बाद में इस घोटाले की सीबीआइ जांच हुई. राय ने घोटाले के दोषियों को सजा दिलाने को उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक संघर्ष किया. इसके फलस्वरूप राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत दर्जनों राजनीतिक नेताओं व अफसरों को जेल जाना पड़ा. सरयू राय ने 1980 में किसानों को आपूर्ति होने वाले घटिया खाद, बीज, तथा नकली कीटनाशकों का वितरण करने वाली शीर्ष सहकारिता संस्थाओं के विरूद्ध भी आवाज उठायी थी. तब उन्होंने किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए सफल आंदोलन किया. सरयू राय ने ही संयुक्त बिहार में अलकतरा घोटाले का भी भंडाफोड़ किया था. इसके अलावा झारखंड के खनन घोटाले को उजागर करने में सरयू राय की अहम भूमिका रही. इतने घोटालों के पर्दाफाश के बाद तो सरयू राय का नाम भ्रष्ट नेताओं में खौफ का पर्याय बन गया.


















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