डुमराँव में नीतीश ने अच्छा नहीं किया, कमलेश-ददन दोनों मैदान में ..

फेसबुक पर लगातार चल रहे कैंपेन के पोस्टर्स में तीर का निशान नहीं दिखाई दे रहा था. साथ ही वह यादव को एकजुट करने में लगे हुए थे उधर पूर्व में कई बार पार्टी के लिए कुर्बान हो चुके कमलेश सिंह को अबकी बार टिकट मिलने की उम्मीद थी. पार्टी के कार्यकर्ता भी नीतीश कुमार के इस फैसले से खुश नजर आ-रहे थे. उन्होंने लगभग यह मान भी लिया था कि, यदि ददन का पत्ता कटता है तो कमलेश सिंह को टिकट अवश्य मिलेगा.

 


- ददन पहलवान तथा कमलेश कुमार सिंह जैसे नेताओं को हटाने से व्याप्त है रोष
- नंदन गांव की घटना के बाद तय हो चुका था पहलवान का हटना

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: डुमरांव में जदयू के कोटे से विधायक रह चुके ददन पहलवान का पत्ता कट चुका है. कमलेश सिंह जैसे पार्टी के समर्पित तथा कद्दावर नेता को भी पार्टी में जगह नहीं मिली. ऐसे में जदयू के समर्पित कार्यकर्ताओं का कहना है कि, नीतीश कुमार ने यह अच्छा नहीं किया. हालांकि, पूर्व से ही यह माना जा रहा था कि नंदन गांव में हुए हमले के बाद इसका असर विधानसभा के चुनाव पर पड़ने वाला है. लेकिन, यह भी माना जा रहा था कि, बातें पुरानी होने के साथ ही भुला दी जाएंगी. हालांकि, दोस्ती और दुश्मनी को अच्छे से याद नहीं रखने वाले नीतीश कुमार ने शायद अपनी उन बातों को अक्षरश: याद रखा जो उन्होंने नंदन गांव में हुए हमले के बाद अपनी सभा के दौरान कही थी. उन्होंने ददन पहलवान से सीधा सवाल किया था कि आप यहां के विधायक होते हुए भी जनता के मन की बात नहीं जान सके? 

बात लगभग उसी समय तय हो गई थी कि अबकी बार ददन नीतीश के साथ नहीं होंगे. ददन भी इस बात को पूर्व में ही भांप चुके थे. इसलिए, टिकट की घोषणा होने से पूर्व ही उन्होंने तीर के निशान को अपने पोस्टर्स पर से हटा दिया था. फेसबुक पर लगातार चल रहे कैंपेन के पोस्टर्स में तीर का निशान नहीं दिखाई दे रहा था. साथ ही वह यादव को एकजुट करने में लगे हुए थे उधर पूर्व में कई बार पार्टी के लिए कुर्बान हो चुके कमलेश सिंह को अबकी बार टिकट मिलने की उम्मीद थी. पार्टी के कार्यकर्ता भी नीतीश कुमार के इस फैसले से खुश नजर आ-रहे थे. उन्होंने लगभग यह मान भी लिया था कि, यदि ददन का पत्ता कटता है तो कमलेश सिंह को टिकट अवश्य मिलेगा लेकिन, ऐसा हुआ नहीं और टिकट अंजुम आरा के झोली में चला गया. ऐसे में कार्यकर्ताओं का बिखरना जायज है. माना जा रहा है कि ददन पहलवान और कमलेश कुमार सिंह दोनों चुनाव के मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी दस्तक देने की चर्चा जोरों पर है. जीत किसकी झोली में आती है यह तो वक्त बताएगा लेकिन, कार्यकर्ताओं की यह बात लंबे समय तक सुनाई देगी कि, "नितीश कुमार ने अच्छा नहीं किया.













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