सेवानिवृत्ति के बाद अब प्रभार देने के लिए चक्कर काट रहे हैं शिक्षक नेता ..

सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक तकरीबन डेढ़ माह से परेशान होकर इधर से उधर चक्कर काट रहे हैं. बताया जा रहा है कि प्रधानाध्यापक रहते हुए शिक्षकों को कर्तव्य बोध कराते रहने के कारण प्रधानाध्यापक को यह सजा मिल रही है. मजे की बात यह है कि प्रधानाध्यापक कभी शिक्षक नेता भी रहे हैं और शिक्षकों के हक की आवाज उठाते रहे हैं लेकिन, आज वह खुद लाचार महसूस कर रहे हैं.

 




- शिक्षा विभाग के अधिकारियों के आदेश को दिखाया जा रहा ठेंगा 
- नगर के पुराना बस स्टैंड के समीप स्थित जवाहर मध्य विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए हैं धीरेंद्र सिंह

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिले में कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों का निर्देश कोई मायने नहीं रखता हालात यह है कि, तकरीबन डेढ़ माह पूर्व सेवा से निवृत्त हुए एक प्रधानाध्यापक से विद्यालय का प्रभार लेने में न सिर्फ विद्यालय की वरिष्ट शिक्षिकाएं इंकार कर रही हैं बल्कि, इस मामले में अधिकारियों के आदेश को भी अनसुना कर दिया जा रहा है. ऐसे में सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक तकरीबन डेढ़ माह से परेशान होकर इधर से उधर चक्कर काट रहे हैं. बताया जा रहा है कि प्रधानाध्यापक रहते हुए शिक्षकों को कर्तव्य बोध कराते रहने के कारण प्रधानाध्यापक को यह सजा मिल रही है. मजे की बात यह है कि प्रधानाध्यापक कभी शिक्षक नेता भी रहे हैं और शिक्षकों के हक की आवाज उठाते रहे हैं लेकिन, आज वह खुद लाचार महसूस कर रहे हैं.





मामला सदर प्रखंड के बक्सर नगर स्थित जवाहर मध्य विद्यालय का है, जहां से 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक धीरेंद्र प्रताप सिंह से अब तक किसी ने विद्यालय का प्रभार नहीं लिया है  उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में जब विद्यालय की वरीय शिक्षिका मीना कुमारी उन्होंने बात की तो शिक्षिका ने स्पष्ट शब्दों में प्रभार लेने से मना कर दिया. इस बात की शिकायत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी गई जिसके बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा 24 घंटे के अंदर उक्त शिक्षिका को प्रभार लेने का निर्देश दिया गया लेकिन, उनके आदेश को भी अनसुना कर दिया गया. के द्वारा फिर भी प्रभार नहीं लेने पर एक अन्य वरीय शिक्षक का सोना कुमारी जीउत को प्रभार लेने का निर्देश दिया गया लेकिन, उन्होंने भी प्रभार नहीं लिया. 

सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक ने बताया कि बाद में इस संदर्भ में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को इस बात से अवगत कराया गया लेकिन अब तक इस संदर्भ में कोई कार्य नहीं हो सका. अब स्थिति यह है कि सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक प्रतिदिन विद्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन, कोई भी उनसे प्रभार नहीं ले रहा. स्थिति यह है कि अब उनके सेवांत लाभ का भी हिसाब नहीं हो पा रहा है.  इस बारे में जानकारी लेने के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के सरकारी नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन, उनके द्वारा फोन नहीं उठाने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.











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