पुण्यतिथि पर याद किए गए भोजपुरी गीतकार लक्ष्मण शाहाबादी ..

गीत-संगीत एवं संवाद लेखन का कोई जोड़ नहीं था. आरा में पैदा हुए स्वर्गीय आबादी ने कई अमर गीतों की रचना की जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं. आज जब भोजपुरी फिल्म को अश्लीलता के आधार पर दोयम दर्जे के फिल्म माना जाता है, तब लक्ष्मण शाहबादी की प्रासंगिकता बढ़ जाती है.

 




- वक्ताओं ने की व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा कहा, नई पीढ़ी को भी देना चाहिए उचित सम्मान
- भोजपुरी साहित्य मंडल के बैनर तले आयोजित था कार्यक्रम

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आजीविका ट्रेनिंग सेंटर में हिंदी व भोजपुरी के मशहूर गीतकार स्वर्गीय लक्ष्मण शाहबादी की पुण्यतिथि समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता भोजपुरी साहित्य मंडल के अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी ने की जबकि, संचालन वरिष्ठ साहित्यकार शिव बहादुर पांडेय प्रीतम ने किया. इस दौरान उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अरुण मोहन भारवि ने कहा कि लक्ष्मण शाहाबादी ने भोजपुरी फिल्मों के गीतों को लोक साहित्य एवं लोक धुनों से संस्कारित किया वह विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. गीत-संगीत एवं संवाद लेखन का कोई जोड़ नहीं था. आरा में पैदा हुए स्वर्गीय आबादी ने कई अमर गीतों की रचना की जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं. आज जब भोजपुरी फिल्म को अश्लीलता के आधार पर दोयम दर्जे के फिल्म माना जाता है, तब लक्ष्मण शाहबादी की प्रासंगिकता बढ़ जाती है. 




वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर मिश्र "विहान" ने कहा कि स्वर्गीय शाहाबादी की रचनाओं की सुगंध अब तक महसूस की जाती है. ऐसे कलमकारों को समाज में उचित सम्मान मिले इसका प्रयास नई पीढ़ी को करना चाहिए. अन्य वक्ताओं ने भी स्व. शाहाबादी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. मौके पर मौजूद लोगों में रामाकांत तिवारी, कुशध्वज सिंह "मुन्ना", पंकज भारद्वाज, संगीता देवी, मनोज राय, नीलम कुमारी, धनराज चौधरी, शिवजी दूबे, ज्योति कुमारी, पायल कुमारी, वीर सिंह, कल्याणी कुमारी, मुस्कान कुमारी सहित कई लोग मौजूद रहे.












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