लाखों रुपयों के गबन मामले में वार्ड सदस्य समेत तीन गिरफ्तार ..

तकरीबन 54 लाख रुपये के घोटाले के मामले में पुलिस ने वार्ड सदस्य व सचिव समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए औद्योगिक थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार ने बताया कि पंचायत में होने वाले विकास योजनाओं में लाखों रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए खुंटहा पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र कुमार सिंह समेत कई लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
पकड़े गए वार्ड सदस्य व सचिव




- सदर प्रखंड के खुंटहा पंचायत में होने वाली विकास योजनाओं में हुआ था बड़ा गबन
- पंचायत के मुखिया समेत आठ पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: वर्ष 2019 में प्रकाश में आए सात निश्चय के कार्यों में तकरीबन 54 लाख रुपये के घोटाले के मामले में पुलिस ने वार्ड सदस्य व सचिव समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए औद्योगिक थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार ने बताया कि पंचायत में होने वाले विकास योजनाओं में लाखों रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए खुंटहा पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र कुमार सिंह समेत कई लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में मुखिया समेत सभी आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी. इसी बीच गुप्त सूचना पर पंचायत के वार्ड संख्या 13 के सदस्य हितन पड़री गांव के निवासी जनार्दन पासवान मंझरिया गांव के रहने वाले सचिव राजकुमार शर्मा तथा गढनी के रहने वाले मंटू कुमार यादव को गिरफ्तार किया गया है. सभी को प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद जेल भेजे जाने की तैयारी की जा रही है. वहीं अन्य फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है.




मामले में मिली जानकारी के मुताबिक सात निश्चय के कार्यों के माध्यम से पंचायत में हो रही विभिन्न विकास योजनाओं में भारी अनियमितताएं सामने आई थी. जिसके बाद तत्कालीन जिला पदाधिकारी राघवेंद्र सिंह के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने मामले की जांच की थी. आरोपों को सत्य पाए जाने पर अनुमंडल पदाधिकारी ने तात्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी रोहित कुमार मिश्रा को सभी आठ अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था, जिसके बाद सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी तथा उन्हें जल्द से जल्द राशि को सरकारी खाते में जमा कराए जाने का निर्देश दिया गया था. बावजूद इसके, आरोपी मुखिया तथा अन्य ऐसा करने में विफल रहे. बाद में सभी के विरुद्ध वारंट जारी हुआ था जिसके बाद से सभी फरार चल रहे थे.












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